भावमयी कविताओं की माला पिरोती हुई डा अर्चना श्रेया द्वारा यह अर्चनांजलि लिखी गई है, जो कविताओं और लघुकथाओं की सुंदर दीपमाला है जिसका अवगाहन करने पर मन एक सहज आनंद में डूब जाता है।कोरोना काल के भयावने मंजर पर लिखी कविताओं के साथ-साथ इतर कविताएं भी अत्यंत प्रेरणास्पद हैं, जो छोटी-छोटी होकर भी भाव की गहरी संपदा स्वयं में संजोए हुए हैं। इसी तरह इनकी लघुकथाएं भी अत्यंत मनमोहक और शिक्षाप्रद हैं। छोटी-छोटी लघुकथाओं में भावनाओं का व्यापक संसार है, जो पाठक के मन को बांधे रखने में पूर्ण सक्षम है। इन सबके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी अर्चनांजलि में दी गई हैं, जो पाठकों के लिए अत्यंत लाभदायक है । वस्तुत: अर्चनांजलि ‘गागर में सागर’ भर देनेवाली रचना है, जो अपनी भावमयता, आत्मीयता एवं शिल्पगत सौष्ठव से पाठक के मन को बांधे रखने में पूर्ण सक्षम है । इस सुंदर पुस्तक की रचना के लिए मैं अर्चना श्रेया जी को बहुत – बहुत शुभकामनाएं देती हूँ और आशा करती हूँ कि उनकी लेखनी का प्रकाश इसी तरह फैलता रहे।
डा अम्बे कुमारी
सहायक प्राचार्या
हिंदी विभाग
मगध विश्वविद्यालय
बोधगया, बिहार