बिना शुल्क, न महाकाल लोक देख सकते हैं और न मंदिर

उज्जैन – 25 जून हजारों महाकाल भक्त प्रतिदिन महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आते हैं। भक्ति में डूबे लोगों के लिए महाकाल के दर्शन आसान नहीं होते बल्कि उन्हें धक्का मुकी के साथ जेब भी ढीली करना होती है। हालांकि जब से महाकाल लोक बना है, तब से भीड़ बड़ी है और लोग यहां खूब घूमना, फिरना और फोटो खिंचावाना पसंद करते हैँ। लेकिन अब महाकाल लोक फ्री में घूमना आसान नहीं होगा। दरअसल शुक्रवार को सर्किट हाउस में हुई बैठक में जनप्रतिनिधियों और उज्ज्ेन कलेक्टर के बीच चर्चा का मुख्य विषय महाकाले में शुल्क पर था। जाहिर है इसमें आश्चर्य नहीं है कि आने वाले समय में महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही महाकाल को देखने के लिए भी श्रद्धालुओं को शुल्क चुकाना पड़ सकता है। गौरतलब है कि शुल्क को लेकर लोगों में पहले ही भारी नाराजगी देखी गई है। इस समय महाकलेश्वर मंदिर में गर्भ गृह के दर्शन के 750 रुपए, शीघ्र दर्शन के 250 रुपए और भस्म आरती के 200 रुपए भक्तों को चुकाना पड़ते हैं। महाकोक बनने से रोजाना देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसे देखने के लिए आ रहे हैं। शनिवार, रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या करीब डेढ़ से दो लाख तक पहुंच रही है। शासन प्रशासन महाकाल के भक्तों की बढ़ती संख्या से खुश होकर आर्थिक फायदे की ओर देख रहा है।

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