भोपाल – सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा गांव में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के घर गिराए जाने के मामले में प्रशासन ने गलती स्वीकार करनी बड़ी गलती कर ली है। इस मामले को राज्य शासन ने भी गंभीरता से लिया है। मंत्रालय सूत्रों से खबर है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के घर बनाए गए थे, अतिक्रमण बताकर उन पर बुल्डोजर चलाने के मामले में जिला वन अधिकारी पर तबादले की गाज गिर सकती है। यह सब ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत की गफलत की वजह से हुआ है। रैपुरा गांव में अनुसूचित जाति के दस परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हुए थे। ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत ने वन विभाग की भूमि को राजस्व विभाग की भूमि मानकर इन आवासों का निर्माण करवा दिया था। इसके बाद से वन विभाग ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर नोटिस जारी किए थे। वन विभाग ने जिला प्रशासन एवं पुलिस के साथ अतिक्रमण बताकर इन अवासों को गिरा दिया अब इस मामले ने बढ़ा तूल पकड़ा लिया है। कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए फिलहाल इस मुद्दे को लपक लिया है और इसे चुनावी मुद्दा बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समर्थकों के साथ सागर के रैपुरा गांव पहुंच गए थे।
अनिल पुरोहित