स्वस्थ पत्रकारिता के लिए भय और पक्षपात का त्याग आवश्यक- रिजवी

बहराइच। भारतीय प्रेस परिषद तथा राज्य मान्यता समिति के सदस्य रहे राज्य मुख्यालय वरिष्ठ पत्रकार सैयद रजा हुसैन रिजवी ने कहा कि स्वस्थ पत्रकारिता के लिए भय और पक्षपात का त्याग करना होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक स्वाभिमानी पेशा है इसे डर कर या किसी गलत व्यक्ति का समर्थन करके ठीक प्रकार से नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में चुनौतियां अधिक हैं इसलिए पत्रकारिता जैसे पेशा को अपनाने के लिए आंतरिक मजबूती भी काफी जरूरी है।

श्री रिजवी गुरुवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस पर उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार एशोसिएशन एवं कलाम फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि किसी को पत्रकारिता से लाभ कमाना है और खासकर आर्थिक लाभ तो वह और कोई व्यवसाय चुने क्योंकि इस व्यवसाय में आर्थिक लाभ काम है जोखिम ज्यादा है उन्होंने पत्रकारों का आह्वान किया कि वह डर कर ले अपनी ना चलाएं और उनके अंदर से भय तब समाप्त होगा जब वह निष्पक्ष रहेंगे। समारोह को संबोधित करते हुए टैक्स बार ऐशो0 पूर्व अध्यक्ष जमील फारूकी ने पत्रकारिता की चुनौती का उल्लेख किया। सदभावना संयोजक योगेंद्र मणि त्रिपाठी ने चापलूसी विहीन पत्रकारिता को आज के समाज की आवश्यकता बताई। वरिष्ठ पत्रकार भागवत शुक्ला ने पत्रकारिता के बदलते आयाम पर चर्चा की। शिक्षक नागेंद्र दत्त अवस्थी ने हिंदी पत्रकारिता दिवस की महत्ता तथा आज के समय में उसकी दशा का उल्लेख किया। पत्रकार अजय त्रिपाठी ने जनपद के दिवंगत पत्रकार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पारस नाथ मिश्र भ्रमर, पंडित राधे मोहन मिश्रा वैद्य, डॉ रामअचल सिंह, सरदार जगतजीत सिंह,राहत अली, लालजी प्रसाद वर्मा, अलीमुल हक़, एजाज वारसी,भानु प्रताप सिंह तथा जलील इश्तियाक सिद्दीकी के समय की पत्रकारिता का मौजूदा समय की पत्रकारिता से तुलनात्मक अध्ययन किया। नेपालगंज से आए पत्रकार रियाज अली ने कहा कि नेपाल में बंदूकों के साए में तथा राजशाही सत्ता के सामने पत्रकारिता की जाती है जो भारत की पत्रकारिता के मुकाबले काफी चुनौती पूर्ण है। न्यूज़ चैनल रिपोर्टर राम बरन चौधरी ने चापलूसी को पत्रकारिता के लिए घातक बताया।

आयोजन को अपना सम्बल प्रदान करती हुई बाल कवित्री अपूर्व सिंह बिसेन ने जोशीली कविता पढ़कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया, जबकि पत्रकार ध्रुव शर्मा ने गीत सुनाया। शिक्षक तथा शायर रईस सिद्दीकी ने शायरी प्रस्तुत की। कार्यक्रम को कर्मचारी नेता आरसी चौधरी, वरिष्ठ लेखक और पत्रकार रामेश्वर पवन तथा वरिष्ठ पत्रकार कल्बे अब्बास समेत अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया जबकि संचालन सेवानिवृत शिक्षक तथा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पूर्व अध्यक्ष सरदार सरजीत सिंह ने किया।

कार्यक्रम में अयोध्या से नरेंद्र बहादुर सिंह सीतापुर से हिलाल अख्तर, सुनील शर्मा, राम सेवक कन्नौजिया, उन्नाव से राहुल यादव,बलरामपुर से अमरेंद्र त्रिपाठी, लखनऊ से समूह संपादक आलोक यादव, गोंडा से ब्रजेन्द्र सिंह,श्रावस्ती के0 के0 गुप्ता के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों से भारी तादाद में पत्रकारों तथा लेखकों ने हिस्सा लिया।कार्यक्रम में बाबा सुंदर सिंह मूक बधिर विद्यालय की संचालिका डॉक्टर बलमीत कौर, पत्रकार तथा कलाम फाउंडेशन के संरक्षक भागवत शुक्ला, माजउल हक,तारिक अहमद, अशोक सोनी, आशा पाठक, किरन मिश्रा, बाराबंकी से समाज सेवी अनिल प्रधान, अनुराधा प्रधान, अशोक मिश्रा अन्ना समेत गैर जनपद से आए हुए पत्रकारों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आयोजन में कलाम फाउंडेशन संस्थापक अमर सिंह विसेन, दिव्या पोरवाल, मान्यता प्राप्त पत्रकार एशोसिएशन के मण्डलध्य्क्ष शादाब हुसैन, जिलाध्यक्ष आनंद प्रकाश गुप्ता, अकरम सईद,एस0पी0 मिश्र, बलजीत सिंह एडोकेट हाईकोर्ट, आकाश जायसवाल, के0के0 सक्सेना, अद्वैतशैल वरांश, हिमांशु रस्तोगी, डी0पी0 श्रीवास्तव,रामगोपाल गुप्ता,सचिन श्रीवास्तव,रमेश गुप्ता आदि का विशेष योगदान रहा।

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