भारतीय ग्रंथो को बेसिक ग के सूची में शामिल करना भारत और भारत यात्रा की अस्मिता को स्वीकार करना है -राजेंद्र नाथ तिवारी

बस्ती  20 मई भारतीय संस्कृति का उन्नयन ग्रंथ संत तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरितमानस ,आचार्य विष्णु गुप्त द्वारा रचित पंचतंत्र और आचार्य आनंद वर्धन द्वारा रचित सहृदय आलोक लोचन पुस्तक को यूनेस्को ने विश्व धरोहर के रूप में स्वीकार किया है भारत और सनातन तथा भारतीय संस्कृति के प्रति आस्थावान प्रत्येक भारती के लिए यह गर्व का विषय है 35 देश के लोगों ने इन तीनों ग्रंथो को विश्व धरोहर में की सूची में शामिल करने के लिए सहमति दी। भारतीय संस्कृति की सियाराम में सब जग जानी, इन सारी चीजों को यूनेस्को ने स्वीकार किया इस अवसर पर हम भारत सरकार के प्रयास में लगे लोगों और यूनेस्को के अधिकारियों को सादर प्रणाम करते हुए उनको शुभकामना देते हैं भारतीय संस्कृति को उन्नयन में तीनों ग का सूची में उन्होंने शामिल किया है इस अवसर पर पूर्वांचल विद्युत परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ तिवारी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है इन ग्रंथो को बेसिक ग के सूची में शामिल करना भारत और भारत यात्रा की अस्मिता को स्वीकार करना है यह तब संभव हुआ है जब नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री भारत में जो पूरे विश्व को वसुदेव कुटुंबकम की भावना से जोड़ने का प्रयास कर रहा है

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