रंजो गम से हो गया हासिल किनारा ईद में-असलम तारिक

 

खूब पाया खुशियों का दिल ने सहारा ईद में
रंजो गम से हो गया हासिल किनारा ईद में

क्या बताएं किस क़दर हासिल हुई दिल को खुशी
देखा है जब आसमां पे चाँद प्यारा ईद में

खूब कीजेगा त आवुन मालो ज़र से दोस्तों
रह न जाये कोई मुफलिस बे सहारा ईद में

वैसे तो है पुर कशिश और खूबसूरत वो मगर
लग रहा है उसका चेहरा चाँद तारा ईद में

शुक्र है रब का हमें तोहफा मिला रमज़ान का
झूमे खुशियों से मयूरी मन हमारा ईद में

रक्स करती है मसर्रत आज हर जानिब मगर
बैठा है तन्हाई में इक गम का मारा ईद में

सिलसिला रब की इबादत का न टूटे अब कभी
गायबाना तौर से है ये इशारा ईद में

मुद्द्तों के बाद अपने गाँव में दाखिल हुआ
बाग़ के पेड़ों ने खेतोँ ने पुकारा ईद में

मुनफ़रिद् देखा है मैने उसकी आँखों का समां
शोखियों का प्यार का रोशन शरारा ईद में

आरज़ू तारिक़ की है रमज़ान तैबा में मिले
और उसका वक़्त गुज़रे ढेर सारा ईद में

असलम तारिक़

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