अनुराग लक्ष्य, 6 अप्रैल
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,
मुम्बई संवाददाता ।
अल्लाह जिसे तौफीक दे, रखता है वोह रोज़ा, करता है वोह सेहरी, पाता है वोह निजात। यही सच है इस मुकद्दस माह ए रमज़ान की फज़ीलत भी यही है।
कितनी खुशकिस्मत हैं यूसुफ शेख, और माहरा की दादी जिनकी पोती माहरा ने अपनी तीन साल की उम्र में अल्लाह को राज़ी कर लिया। साथ ही अपनी अकीदत और अल्लाह की बंदगी में शुमार होकर एक सच्ची मोमिना होने का सबूत भी दिया।
इस मौके पर मुंबा स्थित यूसुफ शेख और इम्तियाज शेख के
आवास पर रोज़ा अफ्तार का आयोजन भी किया गया, जिसमें कसीर तादाद में रोजादारों ने माहरा के हक में दुआएं करके अपनी अपनी दिली मुबारकबाद पेश करते हुए तोहफे पेश किए। क्योंकि,
रमज़ान का महीना बड़ी अज़मतों का है
यह अज़मतो के साथ बड़ी रहमतों का है
इस माह ए मुकद्दस में उतारा गया कुरआन
रमज़ान का महीना बड़ी नेमतों का है ।