अनुराग लक्ष्य, 25 मार्च
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,
मुंबई संवाद्दाता।
,,ज़र्रे ज़र्रे में तेरा मुझको नूर दिखता है
हर तरफ तेरा ही मुझको जहूर दिखता है
कौन है जिसको तेरे मय की नहीं है ख्वाहिश
इसलिए मुझमें भी थोड़ा सुरूर दिखता है,,
कहते हैं कि यह दुनिया कभी अल्लाह के बरगज़ीदा बंदों से कभी खाली नहीं रही है। मेरा रब हर दौर में कोई न कोई अपने ऐसे वली, पीर या बुजुर्गान ए दीन को वोह ताकत और कूवत बख्श देता है, जिससे इस्लाम और उसके मानने वालों को राह ए हिदायत मिलती रहे।
इसकी ज़िंदा मिसाल हैं हुज़ूर शहीद ए राह ए मदीना की शख्सियत, जिनका उर्स मुबारक हर साल की तरह इस साल भी बड़ी धूमधाम से मानने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
आपको बताते चलें कि हर साल की तरह इस साल भी शहीद ए राह ए मदीना हज़रत शाह अशरफ उर्फ मुसन्ना मियां का 21 वाँ उर्स मुबारक सुन्नी बिलाल मस्जिद जामिया कादरिया मस्जिद ईदगाह मैदान में 26 मार्च को रात नमाज़ ए तरावीह के बाद मुनक्किद/ आयोजित किया गया है, जिसमें देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से और दुनिया भर के उलमा हजरात हुजूर शहीद ए राह ए मदीना की बारगाह में अपनी अपनी खेराज ए अकीदत पेश करेंगे। उर्स मुबारक की तमाम तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
इस मौके पर हुज़ूर शहीद ए राह ए मदीना के जांनशीं हज़रत सय्यद मौलाना मुइनुद्दीन अशरफ मुईन मियां जिलानी, पर्सिडेंट आलइंडिया सुन्नी वलजमात और साहब ए सज्जादा नशीन किछौछा शरीफ अपनी सरपरस्ती में उर्स मुबारक को कामयाब बनाने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।