रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। इसमें आत्मा और शरीर दोनों की शुद्धि के लिए रोजे रखे जाते हैं। इसे रहमत का महीना भी कहा जाता है। इसलिए हम सभी को मिलकर दुआ करनी चाहिए कि जहां-जहां युद्ध हो रहे हैं, वह बंद हो जाएं। सभी लोग आपस में मिलकर रहें। आज का भारत बदलता भारत है, जो नवीन, उत्तम और श्रेष्ठ है। इसलिए धर्म से ऊपर उठकर देश को आगे लेकर चलें। रमजान का रोजा हमारी आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। जब परमात्मा से आत्मा जुड़ती है तो यह अच्छाई की तरफ बढ़ता है। इसमें शुद्धता आती है। साथ ही रमजान माह में यह संदेश भी होता है कि बुराई से हटकर हमें अच्छाई की तरफ जाना चाहिए। रेाजे का पालन, केवल भूखा रहने के लिए नहीं है, बल्कि यह शरीर शुद्धि की तपस्या है। अगर हम सुबह से शाम तक कुछ खाते नहीं हैं तो शरीर से विषैले पदार्थ निकल जाते हैं और इससे शरीर शुद्ध हो जाता है। इसी तरह जब हम रमजान में भक्ति की तरफ जाते हैं तो आत्मा शुद्ध होती है। इस माह हमें निर्धन की हर तरह से मदद करनी चाहिए।