भगवान रामलला के दर्शन के बाद माता जानकी जी का दर्शन बड़ा ही पुण्य दाई – अवनीश दास जी महाराज

 

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या । अयोध्या में स्थित पौराणिक सीता माता मन्दिर अब राम भक्तों के लिए आस्था का केन्द्र बन गया है । माता जानकी जी के दर्शन, पूजन अर्चन से सारे मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं । राजाओं महराजाओ के जमाने से स्थापित माता जानकी जी के मन्दिर में बहुत से भक्त दर्शन पूजन के लिए आ रहे थे । माता सीता जी का मन्दिर लगभग 500 वर्षों पुरानी है । पहले यह राजाओं के संरक्षण में था करीब 7 पीढ़ियों से अयोध्या के संत माता जानकी जी की सेवा में लगे हैं । प्रतिदिन विधि विधान पूर्वक सेवा की जाती है l भगवान श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद अयोध्या में अपने देश के अलावा विदेशो के भक्तों का आवागमन बढ़ गया है । अब भक्त रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या आ रहे है वे भगवान राम के पूरे परिवार के सदस्यों के दर्शन की अभिलाषा रखते है l अयोध्या माता का मंदिर पौराणिक स्थल श्री सीता निवास मंदिर सीता माता का मंदिर प्रमोद वन जानकी घाट सीता निवास पूज्य महंत सरबराकर अवनीश दास जी महाराज बताते है कि ऐसी प्राचीन मान्यता है कि भगवान श्री राम जी ने दर्शन करने के बाद यदि माता जानकी जी का दर्शन पूजन कर लिया जाय तो पुण्य का फल दुना हो जाता है । चूकि पौराणिक कथाओ में माता जानकी जी का मन्दिर, उनकी रसोई के साथ बहुत सी यादें जो माता जानकी जी के साक्षात दर्शन कराती है । पूज्य महंत सरबराकर अवनीश दास जी महाराज बताते है कि अयोध्या में भगवान रामलला के बाद मात जानकी जी का मन्दिर अद्वितीय होगा । माता जानकी जी के मन्दिर के पूज्य महंत सरबराकर अवनीश दास जी महाराज के साथ संरक्षक उदय प्रताप सिंह मीरा श्रीवास्तव ट्रस्टी रखे राकेश सिंह पालीवाल एवं अन्य सदस्य एवं शिष्य भक्त गंण आदि मौजूद रहे ।

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