दुनियाभर में कैंसर के बढ़ते खतरे को लेकर लोगों को जागरूक और शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। कैंसर कई प्रकार के हो सकते हैं, सभी उम्र के व्यक्तियों में इसका जोखिम देखा जा रहा हैविश्व कैंसर दिवस प्रत्येक वर्ष 4 फ़रवरी को कैंसर के प्रति लोगों में जगरूकता लाने इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस मनाने का प्राथमिक लक्ष्य कैंसर बीमारी के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। सर्वप्रथम कैंसर दिवस स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में वर्ष 1933 में मनाया गया था। वर्तमान समय में, दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 76 लाख लोग कैंसर बीमारी की वजह से दम तोड़ते हैं, जिनमें से 40 लाख लोग समय से पहले यानी की 30-69 वर्ष की उम्र में ही अपनी जान गवां देते हैं। इसलिए इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ कैंसर से निपटने की व्यावहारिक रणनीति विकसित करना ही इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है।
2000 में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) द्वारा बनाई गई, यह वैश्विक पहल दुनिया भर के लोगों को एक ऐसी वास्तविकता की कल्पना करने के लिए एकजुट करती है जहां लाखों कैंसर से होने वाली मौतों को रोका जाता है और जीवन रक्षक कैंसर उपचार और देखभाल तक पहुंच सभी के लिए समान है
कैंसर की रोकथाम के लिए क्या करें?दुनिया भर में कैंसर से मौत मुख्य कारणों में से एक है और हर साल कई लोगों का इलाज भी चलता रहा है. कैंसर के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं और कोई निश्चित इलाज ना होने की वजह से मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. कई रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2040 तक हर साल 16.4 मिलियन कैंसर से मौतें होंगी और कैंसर के 29.5 मिलियन नए मामले होंगे. मौजूदा समय में इस बीमारी को रोकने का कोई तरीका नहीं है. भले ही हाल की मेडिकल साइंस बहुत ही आगे जा चुका है पर अब भी इसे रोकने में असक्षम है. वैसे इसके होने के कई कारण हैं, जिसमें एक कारण हेरीडिटी भी है. इसके साथ ही पर्यावरण और लाइफस्टाइल की वजह से भी काफी मुश्किल हो रही है. इसके अलावा कैंसर के जोखिम होने से सिगरेट, धूम्रपान, शराब, धूप, प्रदूषण, तनाव, लाइफस्टाइल की वजह से कैंसर होता है. ऐसे में सवाल है कि आखिर किस तरह से कैंसर से बचा जा सकता है और कैंसर से बचने के लिए किस तरह की लाइफस्टाइल को फॉलो करना चाहिए..
यह जानकारी साझा करते हुए नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि देश के अधिकांश क्षेत्रों में कैंसर की सही निगरानी नहीं हो पा रही है, जिसका गंभीर परिणाम यह भी है कि अधिकांश मामलों में बीमारी का देरी से पता चल रहा है। देश के सभी शोध केंद्रों को पत्र लिख आईसीएमआर ने कैंसर की जांच और निगरानी को आसान बनाने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। इसमें बताया कि देश के सभी जिलों में कैंसर निगरानी और जांच को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान के तहत नई नीति बनाने के लिए आईसीएमआर को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए अलग-अलग शोध टीमें गठित होंगी और भौगोलिक व स्वास्थ्य सेवाओं की मौजूदा स्थिति के आधार पर वैज्ञानिक तथ्य एकत्रित किए जाएंगे। आईसीएमआर ने सभी शोध केंद्रों से कहा है
कितने प्रकार के होते हैं कैंसर
ब्लड कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, पेट का कैंसर, गले का कैंसर, अंडाशय का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर।
कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं
लंबे वक्त तक खांसी रहना, भोजन करते समय निगलने में कठिनाई होना, शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द-रहित गांठ, शरीर के किसी भी हिस्से से पानी या खून का बहना, तिलों का विकास बढ़ना और रंग बदलना,भूख में कमी आना, बिना किसी कारण के वजन कम होना या बढ़ना, हर समय थकान या आलस महसूस होना, पेशाब करने में कठिनाई या दर्द महसूस होना ये सभी कैंसर के शुरूआती लक्षण हैं।
उप्र में सबसे ज्यादा तो लक्षद्वीप में सबसे कम मरीज
आंकड़े बताते हैं कि कैंसर से भारत में साल 2020 में 7,70,230 वर्ष 2021 में 7,89,202 और 2022 में 8,08,558 लोगों की कैंसर से मौत हुई है। देश में कैंसर के मामलों की कुल संख्या साल 2022 में 14,61,427 रही। वहीं, 2021 में यह 14,26,447, जबकि 2020 में 13,92,179 रही। सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज उत्तर प्रदेश में है
केवल कुछ ही जिले स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार स्क्रीनिंग को प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं,इसे बढ़ावा देने और सही प्रशिक्षण देकर जमीनी स्तर पर बदलाव लाए जा रहा है
हेल्दी खाना जारी रखें
कैंसर के खतरे को कम करने के लिए संतुलित आहार बनाए रखना जरुरी है. पौष्टिक भोजन, फल, हरी सब्जियां और लाल मांस कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है. फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले कई विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं.
नियमित एक्सरसाइज करें
स्तन और पेट के कैंसर को कम करने के लिए रोज एक्सरसाइज करना जरुरी है. हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए मॉड्रेट एक्टिविटी जरुर करें, जैसे तेज चलना, साइकिल चलाना या तैरना. रिसर्च के अनुसार, नियमित फिजिकल न केवल कैंसर के खतरे को कम करता है बल्कि सामान्य स्वास्थ्य को सही रखता है.
तंबाकू के सेवन से बचें
कैंसर से होने वाली मौतों में से करीब आधी मौतें तम्बाकू धूम्रपान के कारण होती हैं. जो अनावश्यक मौतों का सबसे बड़ा वैश्विक कारण है. कैंसर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका धूम्रपान से बचना है.
शराब का सेवन कम से कम करें
ब्रेस्ट, कोलोन और लिवर कैंसर सहित कई कैंसर, शराब के दुरुपयोग के बढ़ते हैं. शराब से सिर्फ कैंसर ही नहीं, कई और बीमारियों होने का भी डर रहता है.
धूप से सुरक्षा
स्किन कैंसर से बचने के लिए धूप से बचाव जरूरी है. ऐसे में सन प्रोटेक्शन फैक्टर (एसपीएफ) वाले सनस्क्रीन का प्रयोग करें, कपड़ों से ढकें. दिन के बीच में जितना हो सके धूप से बाहर रहें.