बस्ती (आरएनएस)। एमपी-एमएलए कोर्ट सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि की अदालत ने अपहरण के मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए फिर एक बार पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया। 22 वर्ष पुराने राहुल मद्धेशिया अपहरण केस में कोर्ट ने कोतवाल बस्ती को अगली पेशी दो दिसंबर 23 को 11 बजे दिन में व्यक्तिगत रुप से तलब किया है। कोर्ट ने अपने आदेश कहा है कि कोतवाल के विरुद्ध कर्तव्य के प्रति उदासीनता, उपेक्षा व दुराचरण के लिए प्रकीर्ण दंडात्मक वाद संस्थित किया जाता है। इसके अलावा फरार चल रहे पूर्वमंत्री अमरमणि त्रिपाठी के अधिवक्ता की ओर से उपस्थिति में और समय की मांग की गई जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया। अगर आरोपी अमरमणि कोर्ट में अगली पेशी पर मौजूद नहीं होते हैं तो फरार मुल्जिम की संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई सीआरपीसी की धारा 83 के तहत कर दी जाएगी। पुलिस की ओर छपवाए गए इश्तहार में प्रकाशित कराया गया कि मामला सीजेएम कोर्ट में लंबित है। जबकि यह मुकदमा एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है। इसकी वजह से अभियुक्त को भ्रम में पड़ने की संभावना कोर्ट ने साफतौर पर मानी है। इस लापरवाही के लिए कोर्ट ने कोतवाली पुलिस को जिम्मेदार माना है।