बस्ती 29 अक्टूबर महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष में आर्य समाज नई बाजार बस्ती में आयोजित साप्ताहिक यज्ञ स्वाध्याय के अवसर पर ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने कहा कि सनातन धर्म से ही विश्व का कल्याण सम्भव है क्योंकि यह मानवमात्र के उत्थान की कामना करता है। इसमें चार वर्णों, सोलह संस्कारों, चार वेदों, ग्यारह उपनिषदों और छः शास्त्रों के माध्यम से जीवन के प्रत्येक पहलू को समष्टि के विकास और सहयोग के लिए तैयार किया जाता है। यज्ञ कराते हुए देवव्रत आर्य ने बताया कि मनुष्य को चाहिए कि वह कर्म करते हुए सौ वर्षों तक जीने की इच्छा करे। इसके अनुसार प्रत्येक परोपकार का कर्म यज्ञ है। कहा कि सनातन धर्म में किसी पंथ, मत या मजहब के उन्नति की बात नहीं है बल्कि मानव मात्र के कल्याण का रास्ता बताया गया है। वेद सार्वदेशिक, सार्वकालिक व सार्वजनिक है इसलिए वेद ईश्वरीय ज्ञान है। इसके अलावा कई प्रमाण दते हुए उन्होने वेद को ईश्वरीय ज्ञान सिद्ध किया। योग शिक्षक नितीश कुमार ने बताया कि जो व्यक्ति मनुष्य से डरता है वह ईश्वर को सर्वव्यापक मानकर भी नहीं डरता पर जो ईश्वर से डरता है उसमें अपार आत्मबल होता है, वह किसी से नहीं डरता। कहा कि आर्य समाज का उद्देश्य है संसार का उपकार करना अर्थात शारीरिक, आत्मिक एवं सामाजिक उन्नति करना। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से गरुण ध्वज पाण्डेय, मनोज कुमार, राधेश्याम आर्य, आदर्श मिश्र, शिव श्याम, गणेश कुमार, उपेन्द्र आर्य, विश्वनाथ आर्य, राधा देवी, कार्तिकेय, वैष्णवी आदि सम्मिलित रहे।