संवाददाता अनुराग उपाध्याय।
बाघराय सुंदरगंज बाजार में दस गणेश उत्सव का आयोजन सार्वजनिक उत्सव कमेटी बाघराय के द्वारा किया जा रहा है जिसमे गणेश पंडाल गणपति बप्पा मोरया जैसे नारो से गूंजयमान है और सर्वेश मणि महराज ने आज बताया की धार्मिक शास्त्रों के अनुसार देवी पार्वती ने भगवान शिव की अनुपस्थिति में स्नान करते समय अपनी रक्षा के लिए चंदन के लेप से भगवान गणेश की रचना की थी। भगवान शिव के लौटने पर, गणेश पहरा दे रहे थे लेकिन भगवान शिव को स्नान कक्ष में प्रवेश नहीं करने दिया। क्रोधित शिव ने फिर गणेश का सिर काट दिया। यह देखकर देवी पार्वती क्रोधित हो गईं और देवी काली में परिवर्तित हो गईं। भगवान शिव ने एक बच्चे को खोजने और उसका सिर काटने का सुझाव दिया। शर्त यह थी कि बच्चे की मां का मुंह दूसरी तरफ हो। जो पहला सिर मिला वह एक हाथी के बच्चे का था। भगवान शिव ने हाथी का सिर जोड़ा और गणेश का पुनर्जन्म हुआ। यह देख पार्वती अपने मूल रूप में लौट आईं और तब से हर साल गणेश चतुर्थी मनाई जाती है।इस मौके पर यश केशरवानी, उत्तम पाल शुभम केसरवानी, सूरज गुप्ता, विनय केसरवानी
अभिषेक विश्वास, पण्डु गुप्ता आदि लोग मौजूद रहे।