माह जनवरी की सुषमा का ,
सार बताते है।
देश प्रेम हित बलिदानों की,
गाथा गाते है।।
नेताजी का कर नाम याद जो,
छवि मनोहर है।
तन मन में है उल्लास हृदय में ,
आकृति सुंदर है ।
उस महा पुरूष की आज सभी ,
मिल गाथा गाते है।
माह जनवरी,,,,,
आई सी एस बन कर जब ,
कलकत्ता ये आए ,
हुआ प्रफुल्लित माता का मन ,
पिता भी हर्षाये।।
जन जन में देश भक्ति के,
वो दीप जलातें है ।
देश प्रेम हित बलिदानों की,
गाथा गाते हैं।
माह जनवरी,,,,,,,,,
जब अंग्रेजी शासन ने अपना,
विष फन फैलाया।
देख दुर्दशा भारत की,
तब खून उबल आया ।
भारत की रक्षा खातिर ,
जो लहू बहाते है
वीर मानुज सुत की हम,
गौरव गाथा गाते है।
माह जनवरी ,,,,,,,,,,
तिनके तिनके जीवन बिखरा,
चहुं ओर तिमिर छाया
घनघोर अंधेरे में प्रकाश एक,
ओर नजर आया ।
आज़ाद हिन्द की रचना कर
नव चेतना लाते है ।
देश प्रेम हित जीने की
राह दिखाते है।
माह जनवरी,,,,,,,,,