राजीव गांधी का देश के लिए योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता

बस्ती । पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी को उनके 79 वीं जयन्ती पर सद्भावना दिवस के रूप में याद किया गया। रविवार को कांग्रेस कार्यालय पर ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ के संयोजन में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि राजीव गांधी अपने भाषणों में हमेशा 21वीं सदी में तरक्की का जिक्र किया करते थे। राजीव गांधी का मानना था कि टेक्नोलॉजी के सहारे देश में बदलाव किया जा सकता है। उन्होने राजीव गांधी ने टेलीकॉम और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर्स में काफी काम करवाया। राजीव गांधी के नाम तकनीक क्रांति के बीज बोने का श्रेय भी जाता है। उनके प्रयासोें का ही फल है कि आज इसरो चांद पर पहुंचने की पहल कर सका। उनका योगदान और देश के लिये बलिदान सदैव याद किया जायेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ ही देश में कम्प्यूटर युग की शुरूआत करने का श्रेय राजीव गांधी को है। कहा कि आगामी 22 अगस्त को बैरियहवा स्थित एक मैरेज हाल में ‘ जागो जनता अभियान’ का आयोजन किया गया है। आग्रह किया कि कार्यक्रम में लोग जुटे और जमीनी मुद्दों को लेकर संघर्ष तेज करने की दिशा में कांग्रेस का साथ दें।
पूर्व विधायक अम्बिका सिंह, प्रदेश सचिव देवेन्द्र श्रीवास्तव, अनिरूद्ध तिवारी, अवधेश सिंह, मंजू पाण्डेय आदि  ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कठिन समय में राजीव जी ने देश की बागडोर संभाला और उदाहरण बनकर उभरे। उनके प्रधानमंत्रित्व काल में देश में चौतरफा विकास हुआ। वे सदैव याद किये जायेंगे।
राकेश पाण्डेय ‘ गांधियन, रामभवन शुक्ल, गिरजेश पाल आदि ने भारत रत्न राजीव  गांधी के योगदान पर विस्तार से चर्चा किया। कहा कि राजीव जी देश के छठवें और सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। वे 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बन गए थे। उन्होने तकनीक के स्तर पर इसरो से लेकर आई.टी. और कम्प्यूटर के क्षेत्र में देश को दिशा देने के साथ ही ग्राम पंचायत व्यवस्था को मजबूती दिया। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
भारत रत्न राजीव गांधी के जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से नीलम चतुर्वेदी, अतीउल्ला सिद्दीकी, सुरेन्द्र मिश्र, विवेक श्रीवास्तव, अनिल तिवारी, शौकत अली ‘नन्हू’ महेन्द्र श्रीवास्तव, लालजीत पहलवान, अशफाक अहमद, राजेन्द्र चतुर्वेदी, अलीम अख्तर, मो. अजीज, वाहिद सिद्दीकी, हरिश्चन्द्र शुक्ल, शिवराम पासवान, इजहार अहमद आदि शामिल रहे।

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