भारत भूमि वीर प्रसविनी है इसकी मिट्टी से समय-समय पर देश पर अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले शूरवीर पैदा हुए हैं उन्हीं शूरवीरों में पेशवा बाजीराव प्रथम हर भारतीय के आदर्श रहेंगे। उक्त बातें ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने आज स्वामी दयानंद पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुर्तीहट्टा बस्ती में विद्यालय के बच्चों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि 20 वर्ष के शासनकाल के दौरान उन्होंने 42 युद्ध लड़े और सभी में विजयी रहे।राजधानी में उनका सामना अकल्पनीय षडयंत्रों से हुआ, जिसने उन्हें शीघ्र ही राजनीतिक साजिशों के कुटिल रास्ते पर चलना सीखा दिया। यह और अन्य दूसरे अनुभवों ने उनकी युवा ऊर्जा, दूरदृष्टि और कौशल को निखारने में अत्यन्त सहायता की, जिसके चलते उन्होंने उस स्थान को पाया जिसपर वह पहुँचना चाहते थे। वह एक स्वाभाविक नेता थे, जो अपना उदाहरण स्वयं स्थापित करने में विश्वास रखते थे। उनका चरित्र युवाओं के लिए अनुकरणीय है। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक आदित्य नारायण ने कहा कि पेशवा बाजीराव बल्लाल एक महान योद्धा थे उन्होंने अपने चालीस वर्ष के जीवन में बयालीस युद्ध लड़े और सभी में वह विजयी रहे। उनका कुशल नेतृत्व ऐसा था कि उनका और शिवाजी महाराज का अनुसरण कर उनके सैनिक किसी भी विषम परिस्थिति को सरलता से पार कर जाते थे। उनके सैन्य नेतृत्व की एक और विशेषता यह थी कि वह सभी सैनिकों के बीच एक सैनिक बनकर ही सभी से व्यक्तिगत रूप से मिलते थे न कि एक सेनापति बनकर। इसके अलावा वह ऊंच नीच के भेद के भी विरोधी थे। उनकी वीरता के लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक अनूप कुमार त्रिपाठी दिनेश मौर्य, नीतीश कुमार, अनीशा मिश्रा, अरविंद श्रीवास्तव, साक्षी, शिवांगी, कुमकुम आदि सम्मिलित रहे।
गरुण ध्वज पाण्डेय