रजत हॉस्पिटल बस्ती में पाइल्स, फिशर व फिस्टुला रोगियों को मिलेगी विशेषज्ञ सेवा

रजत हॉस्पिटल बस्ती में पाइल्स, फिशर व फिस्टुला रोगियों को मिलेगी विशेषज्ञ सेवा

 

-लखनऊ के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. राहुल सिंह करेंगे उपचार

बस्ती। पाइल्स, फिशर एवं फिस्टुला जैसी गंभीर लेकिन आम गुदा संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। लखनऊ के प्रख्यात एवं अनुभवी चिकित्सक डॉ. राहुल सिंह अब रजत हॉस्पिटल, बस्ती में नियमित रूप से अपनी सेवाएं देंगे। वे प्रत्येक माह के दूसरे एवं चौथे मंगलवार को अस्पताल में उपस्थित रहकर मरीजों का परीक्षण एवं उपचार करेंगे।

इस अवसर पर डॉ. राहुल सिंह ने कहा कि पाइल्स, फिशर और फिस्टुला ऐसी बीमारियां हैं, जिनके लक्षण प्रारंभिक अवस्था में पहचान लिए जाएं तो बिना सर्जरी के भी सफल इलाज संभव है। उन्होंने बताया कि अक्सर लोग संकोचवश या जानकारी के अभाव में मेडिकल स्टोर से स्वयं दवाएं ले लेते हैं, जिससे रोग और गंभीर हो जाता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कुशल एवं विशेषज्ञ चिकित्सक से ही उपचार कराना चाहिए।

डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि गुदा रोगों के स्थायी इलाज के लिए उनका उपचार “चार सूत्रों” पर आधारित है। इसमें सही समय पर जांच, उचित दवाइयों का चयन, खान-पान एवं जीवनशैली में सुधार तथा नियमित फॉलोअप शामिल है। इन चारों बातों पर अमल करने से मरीजों को लंबे समय तक राहत मिलती है और बार-बार बीमारी उभरने की संभावना भी कम हो जाती है।

उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, गलत खान-पान, फाइबर की कमी, लंबे समय तक बैठकर काम करना और पानी कम पीना इन बीमारियों के मुख्य कारण हैं। यदि लोग अपनी दिनचर्या में थोड़े बदलाव करें और शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें, तो बड़ी सर्जरी से बचा जा सकता है।

रजत हॉस्पिटल के प्रबंधन ने बताया कि अस्पताल में मरीजों के लिए आधुनिक जांच सुविधाएं, स्वच्छ वातावरण एवं उचित परामर्श की व्यवस्था उपलब्ध है। डॉ. राहुल सिंह की सेवाएं मिलने से बस्ती और आसपास के जिलों के मरीजों को विशेष लाभ मिलेगा। अस्पताल प्रशासन ने मरीजों से अपील की है कि निर्धारित तिथियों पर पहुंचकर विशेषज्ञ परामर्श का लाभ उठाएं और किसी भी प्रकार की समस्या को छिपाएं नहीं।

यह पहल न केवल मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराएगी, बल्कि गुदा रोगों को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों और संकोच को भी दूर करने में सहायक सिद्ध होगी।