मीठा ज़हरः क्या चीनी आपकी सेहत को कर रही है बर्बाद

मीठा ज़हरः क्या चीनी आपकी सेहत को कर रही है बर्बाद

बस्ती ( दैनिक अनुराग लक्ष्य ) आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में चीनी (Sugar) हमारी थाली का अहम हिस्सा बन चुकी है। चाय, कॉफ़ी, मिठाई, बेकरी प्रोडक्ट्स और यहां तक कि पैक्ड फूड्स-सबमें चीनी का स्वाद छुपा बैठा है। लेकिन क्या यह “सफेद जहर” हमारी सेहत को धीरे-धीरे खोखला नहीं कर रहा? आइए जानते हैं चीनी का सच, इसके खतरों, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण और प्राकृतिक विकल्पों के बारे में।

चीनी क्या है?

चीनी गन्ने से तैयार होने वाला मीठा क्रिस्टल है। इसे रिफाइनिंग प्रोसेस से गुज़ारा जाता है, जिससे इसके सारे प्राकृतिक पोषक तत्व जैसे फाइबर, खनिज और विटामिन नष्ट हो जाते हैं। यही कारण है कि इसे “Empty Calories” कहा जाता है-पानि केवल ऊर्जा देती है लेकिन पोषण नहीं।

चीनी के अनजाने लेकिन सच तथ्य

1. शुगर नशे जैसी लत लगाती है

वैज्ञानिक रिसर्च बताती है कि चीनी दिमाग में डोपामिन रिलीज़ करवाती है। यही कारण है कि मीठा खाने के बाद खुशी और आराम महसूस होता है, और बार-बार खाने की तलब लगती है।

2. छुपी हुई चीनी सबसे खतरनाक

सिर्फ मिठाई या कोल्ड ड्रिंक ही नहीं, बल्कि ब्रेड, टोमैटो सॉस, सलाद ड्रेसिंग, अचार, यहां तक कि नमकीन स्नैक्स में भी हिडन शुगर होती है।

पैक्ड फूड में चीनी को 30 से ज़्यादा नामों से लिखा जाता है (जैसे fructose, dextrose, corn syrup)

3. चीनी और त्वचा की उम्र

ज्यादा चीनी खाने से शरीर में “glycation” प्रक्रिया होती है, जो कोलेजन को नुकसान पहुंचाती है।

नतीजाः स्किन पर जल्दी झुर्रियां और ढीलापन।

4. इम्यून सिस्टम पर असर

100 ग्राम चीनी खाने के बाद करीब 4-5 घंटे तक शरीर की white blood cells बैक्टीरिया से ठीक से नहीं लड़ पातीं। यानी मीठा ज्यादा खाने से शरीर संक्रमणों के लिए कमजोर हो जाता है।

5. चीनी और दिमाग

लंबे समय तक ज्यादा चीनी लेने से memory और concentration कम हो सकता है। कुछ शोध बताते हैं कि यह Alzheimer’s जैसी बीमारियों से भी जुड़ा हो सकता है।

6. खाली कैलोरी (Empty Calories)

चीनी में न तो विटामिन, न मिनरल, न फाइबर सिर्फ कैलोरी। यानी वजन बढ़ाती है लेकिन पोषण नहीं देती।

7. दिल की बीमारी का रिस्क

ज्यादा चीनी से सिर्फ डायबिटीज़ नहीं, बल्कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ता है। यह ब्लड प्रेशर, ट्राइग्लिसराइड और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ाती है।

8. लिवर पर बोझ

चीनी (खासकर फ्रक्टोज़) ज्यादा खाने से लिवर में फैट जमा हो सकता है, जिसे Fatty Liver कहते हैं।

9. आयुर्वेद में चीनी का वर्णनः

आयुर्वेद शुद्ध खांड (गुड़ से बनी) या मिश्री को ही स्वास्थ्यप्रद मानता है। रिफाइंड सफेद चीनी को अस्वाभाविक और शरीर के लिए हानिकारक बताया गया है।

चीनी के प्राकृतिक और स्वस्थ विकल्प

1. गुड़ (Jaggery): आयरन, कैल्शियम और मिनरल्स से भरपूर, पाचन और खून बढ़ाने में मददगार।

2. मिश्री (Rock Sugar): आयुर्वेद में श्रेष्ठ माना गया, गले की

खराश और पाचन के लिए उत्तम।

3. शहद (Honey): रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, वजन नियंत्रित करता है।

4. खजूर (Dates) और अंजीरः नैचुरल स्वीटनर, साथ ही फाइबर और विटामिन भी देते हैं।

5. स्टीविया (Stevia): शुगर फ्री प्राकृक्तिक पौधा, डायबिटीज़ के रोगियों के लिए वरदान।

6. नारियल चीनी (Coconut Sugar): ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम

होने से डायबिटीज़ में भी सुरक्षित। घरेलू नुस्खे और उपाय

चाय-कॉफ़ी में रिफाइंड चीनी की जगह मिश्री या शहद का प्रयोग। मिठाई बनाते समय गुड़ या खजूर का इस्तेमाल करें।

बच्चों को कोल्ड ड्रिंक की जगह शिकंजी या बेल का शरबत दें।

दिनभर की मीठी cravings के लिए ड्राई फ्रूट्स और फ्रूट्स बेहतर विकल्प हैं।

डा० राजेश कुमार चौधरी कंसलटेन्ट फिजीशियन पटेल एस०एम०एच० चिकित्सा केंद्र, मूडघाट-बस्ती मो0नं0 9451947271