64 ग्रंथों के रचनाकार महात्मा बनादास जी की 134 वीं पुण्यतिथि (13 सितंबर ‘2025) पर विमला ज्ञान साहित्य मंच पर दो दिवसीय (12-13 सितंबर) आनलाइन लेखन का आयोजन किया गया।
संयोजिका डा. निधी बोथरा जैन ने बताया कि बनादास जी का जन्म गोण्डा उत्तर प्रदेश में हुआ था। पुत्र के असमय निधन के कारण उनके मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया। और उन्होंने अयोध्या में तप/साधना की और अपने आप को प्रभु श्रीराम के चरणों में खुद समर्पित को समर्पित कर दिया।इसी दौरान उन्होंने 64 ग्रंथों की रचना की।
बनादास जी के वंशज महंत अंकित दास बना दास उनके व्यक्तित्व कृतित्व को जनमानस तक पहुँचाने के लिए सतत् प्रयास कर रहे हैं। उनके प्रयासों का ही परिणाम है कि माँ पाटेश्वरी विश्वविद्यालय ने बनादास जी को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर सहमति प्रदान की है।
विमला ज्ञान साहित्य मंच के संरक्षक गोण्डा के वरिष्ठ कवि साहित्यकार सुधीर श्रीवास्तव (गोण्डा) पक्षाघात की दुश्वारियों के बावजूद अंकित दास के प्रयासों में अपना योगदान दे रहे हैं। जबकि उनके सहयोगी के रूप में विवेक सिंह कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही रहे हैं।
मंच के मार्गदर्शक डा. ओम ऋषि भारद्वाज ने आयोजन की महत्ता को देखते हुए बताया कि उक्त आयोजन में शामिल कलमकारों शुभचिंतकों को ‘संत बनादास स्मृति’ ई सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है।
संस्थापिका अंजू श्रीवास्तव ने आयोजन की सफलता के लिए पदाधिकारियों/ रचनाकारों/ शुभचिंतकों को बधाइयां देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।