जब उम्मत ए रसूल के आमाल जांचे जाएं, इमरान मिले हैदर ए क़र्रार की तरफ, इमरान गोंडवी

जब उम्मत ए रसूल के आमाल जांचे जाएं, इमरान मिले हैदर ए क़र्रार की तरफ, इमरान गोंडवी

अनुराग लक्ष्य, 26 अगस्त

सलीम बस्तवी अज़ीज़ी

मुम्बई संवाददाता ।

उर्दू अदब में यूं तो शायरी की बहुत सी किस्में हैं जिनमें सबसे मुश्किल सिफत नात ए गोई की होती है। या यूं कहा जाए कि नात ए गोई करना तेज़ धार तलवार पे चलना, क्योंकि नात ख्वां या नातिया शायर का पूरा मामला ही इश्क़ से होता है और वोह भी ऐसा इश्क कि ज़रा से भटके तो ईमान जाने का भी खतरा है।

शुक्र है मुंबई की सरजमीं पर उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले से ताल्लुक रखने वाले एक ऐसे ही शायर इमरान गोंडवी साहब को अल्लाह ने आशिक ए रसूल की शक्ल में ग़ज़लों के साथ इश्क ए नबी में डूबकर नात के अशआर भी लिखने का फन आता किया है। आमद ए मुस्तफा के ख़ास मौके पर मैं सलीम बस्तवी अज़ीज़ी उनकी एक खास नात ए पाक के साथ हाज़िर हूँ।

1/ दिल ले चला है रोज़ ए सरकार की तरफ,

चश्मान ए लुत्फ हो गए नदार की तरफ ।

2/ रूख़ अपना करके सैय्यद ए अबरार की तरफ,

ख़ुद कश्ती मैंने छोड़ दी मँझधार की तरफ ।

3/ निकला हूँ घर से बाँध के एहराम ए मुहब्बत,

दीदार की हसरत लिए दरबार की तरफ।

4/ मुख़्तार ए कायनात का सदका अज़ीज़ है,

अब देखे कौन दरहम ओ दीनार की तरफ।

5/ आँखों में बस हुज़ूर का हुस्न ए यक़ीन है,

दीवाना अब न देखेगा संसार की तरफ ।

6/ हालत पे मेरी तू न तरस खा ऐ चारा गर,

नज़र ए करम करेंगे वोह बीमार की तरफ।

7/ अल्लाह के हबीब क़यामत की भीड़ में,

देखेंगे यह यकीं है गुनाहगार की तरफ।

8/ जब उम्मत ए रसूल के आमाल जांचे जाएं,

इमरान मिले हैदर ए क़र्रार की तरफ।

,,,,, पेशकश, सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,,,,,,