यह मेरा प्यारा हिंदुस्तान, यह मेरा प्यारा हिंदुस्तान, साहिल प्रतापगढ़ी

*( नग़्मा* *-* *ए* – *वतन* )

यह मेरा प्यारा हिंदुस्तान, यह मेरा प्यारा हिंदुस्तान, साहिल प्रतापगढ़ी,,,,

अनुराग लक्ष्य, 11 अगस्त

सलीम बस्तवी अज़ीज़ी

मुम्बई संवाददाता ।

ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान, ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान,

जिसका पर्वत जिसकी नदियां गाती हैं गुणगान ।

१- भाईचारा अमन मोहब्बत से ये वतन मअमूर है, गंगो जमन तहज़ीब यहां की दुनिया में मशहूर है ।

जग में नहीं है कोई दूजा जैसा वतन हमारा, हमको वतन की मिट्टी प्यारी और तिरंगा प्यारा।

लहराता बस एक देख तिरंगा मुस्काते अरमान ।।

ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान,

जिसका पर्वत जिसकी नदियां……….

२- इस धरती की पावन गंगा और हिमालय ऊंचा, मस्जिद की मीनारें ऊंची और शिवालय ऊंचा।

सत्य अहिंसा वाले हैं हम हिंद का जो पैगाम है, सूफी संतों की‌ ये ज़मीं है सब धर्मो का धाम है।

अलग-अलग है धर्म हमारा एक मगर पहचान ।।

ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान,

जिसका पर्वत जिसकी नदियां…….

३- कितने हुए शहीद यहां पे खुद अपने अरमान से, जेल गये फिर खाई गोली चढ़ गये सूली शान से ।

जंग लड़े जब हिन्दू मुस्लिम साथ साथ जी जान से, अंग्रेजों के छूटे पसीने भागे हिंदुस्तान से।

वीर शहीदों को है नमन जो हो गये हैं कुर्बान ।।

ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान, जिसका पर्वत जिसकी नदियां……..

४- लाल किले की बात निराली ताजमहल अनमोल है, हम सब को जो याद दिलाता प्यार के मीठे बोल है ।

और यहीं है ऐसा नज़ारा हुस्न की जो तस्वीर है, रू-ए-ज़मीं पे खुल्द का मंज़र बस मेरा कश्मीर है।

कह दो *साहिल* मुल्क हमारा हम सब की है जान ।।

ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान ये मेरा प्यारा हिंदुस्तान, जिसका पर्वत जिसकी नदियां…….

*साहिल* *प्रतापगढ़ी*