टीबी रोगियों की सेवा देशहित में धर्म का कार्य : प्रो. करतार सिंह धीमान

 

कुलपति ने 100 मरीजों को लिया गोद, उपलब्ध कराएंगे पोषण आहार और आयुर्वेदिक औषधियां।

कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 17 जुलाई : क्षय रोग से पीड़ित जरूरतमंदों की सेवा करना न केवल सामाजिक उत्तरदायित्व है, बल्कि यह देशहित में एक धार्मिक कार्य भी है। यह विचार श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने बुधवार को कुलपति कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ आयोजित बैठक में व्यक्त किए।
बैठक के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग के उप सिविल सर्जन एवं टीबी नोडल अधिकारी डॉ. संदीप अग्रवाल अपनी टीम के साथ प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत कुरुक्षेत्र को क्षयरोग मुक्त बनाने के उद्देश्य से कुलपति से शिष्टाचार भेंट के लिए पहुंचे थे। टीम ने कुलपति से ‘निक्षय मित्र’ बनकर टीबी से ग्रस्त जरूरतमंद रोगियों को पोषण किट व सहायता सामग्री उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। इस पर कुलपति प्रो. धीमान ने तत्काल 100 रोगियों को गोद लेने की घोषणा करते हुए कहा कि उनके उपचार की अवधि तक उन्हें पौष्टिक आहार और आयुर्वेदिक औषधियां विश्वविद्यालय द्वारा मुहैया कराई जाएंगी।कुलपति ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय न केवल चिकित्सकीय शिक्षा का केंद्र है,बल्कि समाजसेवा के प्रति भी समर्पित है। इस दिशा में टीबी रोगियों की मदद एक मानवीय और नैतिक कर्तव्य है। डॉ.अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में कुरुक्षेत्र जिले में 1347 क्षय रोगी उपचाराधीन हैं। सरकार की ओर से मरीजों को 500 रुपए प्रतिमाह पोषण सहायता दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुलपति के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल टीबी उन्मूलन के प्रयासों को नई दिशा देगी और अन्य संस्थानों के लिए भी प्रेरणा बनेगी। इस अवसर पर आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान (अस्पताल) के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. वैद्य राजेंद्र सिंह चौधरी, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ.सुरेंद्र सिंह सहरावत, डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट डॉ.सुखवंत सिंह, डॉ. सतविंद्र कुमार, तथा जिला समन्वयक (पीपीएम) विजय पंजेटा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।