स्किल स्कूल के विद्यार्थी हुए अलंकृत

अलंकरण समारोह में नवीन को हेड बॉय और किया को हेड गर्ल चुना गया, कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने बैज लगाकर उत्साह बढ़ाया।

पलवल, प्रमोद कौशिक 17 जुलाई : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बृहस्पतिवार को अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया।कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने मुख्यातिथि के रूप में विद्यार्थियों को अलंकृत किया और उन्हें स्वर्णिम भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया।
बारहवीं कक्षा के नवीन को हेड बॉय और किया को हेड गर्ल चुना गया। लक्ष्मी बाई हाउस में महक को कैप्टन और नमन को वाइस कैप्टन चुना गया। भगत सिंह हाउस में यामिनी को कैप्टन और ऋषिका को वाइस कैप्टन बनाया गया। भूमि को विवेकानंद हाउस की कैप्टन और अंजलि ख़ुटेला को वाइस कैप्टन बनाया गया। टैगोर हाउस में करिश्मा को कैप्टन और रितिका को वाइस कैप्टन चुना गया। प्रत्येक हाउस में कुछ प्रफेक्ट्स भी चुने गए।
मुख्यातिथि कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा, प्राचार्या डॉ. श्रुति गुप्ता और छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने अपने हाथों से बैज लगा कर विद्यार्थियों को अलंकृत किया। विद्यार्थियों ने सभी के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित की और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया।
इस मौके पर मुख्यातिथि कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूल ही वह संस्थान है, जहां शिक्षक विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए उनमें गुणों का समावेश करते हैं। विद्यार्थियों को आगे समाज में अपना योगदान सुनिश्चित करना है। प्रोफेसर ज्योति राणा ने विद्यार्थियों को नेतृत्व गुणवत्ता की विशेषताएं बताई और उन्हें जीवन में धारण करने के लिए प्रेरित भी किया। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर कुलवंत सिंह और उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा ने भी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। प्राचार्या डॉ. श्रुति गुप्ता ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया और विद्यार्थियों को भविष्य में नए प्रतिमान गढ़ने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर विद्यालय के पूर्व प्राचार्य जलबीर सिंह, विज्ञान अध्यापिका सौम्या, नेहा, मीनाक्षी, सुषमा, सुरभि, तरुणा, प्रवीण, ऋतु और अजीत सहित कई अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे।
विद्यार्थियों को बैज लगा कर प्रोत्साहित करती कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा।