कहानिका हिंदी पत्रिका का
योग संगीत एवं वैदिक संस्कृति कवि सम्मेलन
कहानिका हिंदी पत्रिका के झारखण्ड अध्याय पर 26 जून 2025 को संध्या 6.00 योग एवं संगीत दिवस पर झारखंड अध्याय द्वारा आभासी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।
सम्मेलन की मुख्य अतिथि के रूप में श्सरोज झा, सभा अध्यक्ष दिनेश रविकर रहे।मुख्य अतिथि सरोज झा ने अपने संबोधन में भारत के योग ,संगीत और संस्कृति पर अपने विचार प्रस्तुत किया और बेहद संदेशपूर्ण गजल पाठ कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।मंच संचालन डॉ नीलू शुक्ला ‘समीर’ ने किया।
सरस्वती वंदना डॉ.नीलू शुक्ला समीर भोपाल,, गणेश वंदना शीला तिवारी, स्वागत गीत ममता पलामू और देवी गीत श्याम कुंवर भारती ने अपनी मधुर आवाजों में प्रस्तुत किया।
डॉ श्याम कुवार भारती ने ओजपूर्ण कविता “योग है जीवन की डोर, मन की सच्ची शांति का छोर” से तालियाँ बटोरी। एन के निराला पाठक ने “संगीत वो साधना है, जो आत्मा से संवाद करे” से दर्शकों की आँखें नम कर दीं। डॉ प्रीतम कुमार झा महुआ, ने योग पर हास्य व्यंग्य रचनाएँ सुनाकर श्रोताओं को हँसी से लोटपोट कर दिया।
अपने संबोधन में दिनेश रविकर ने योग पर सारगर्भित ज्ञान से ओत प्रोत रचना के साथ अपने उद्वोधन में संगीत के विभिन्न रागों का योग के साथ तारतम्य स्थापित करते हुए अनोखी रचनाये प्रस्तुत करते हुए युवा पीढ़ी को सन्देश देने के साथ ही भारतीय संस्कृति कि महानता और संस्कारों के समावेश पर भी ज्ञान प्रदान किया |
उन्होंने कहा योग ने विश्व में भारत की साख में चार चाँद लगाये हमें हमारी युवा पीढ़ी को योग संगीत वैदिक संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए तभी भविष्य सुरक्षित है | आपने कहानिका और संस्था के सामाजिक और साहित्यिक कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है साहित्य के माध्यम से समाज को जाग्रत किया जाना चाहिए जो भारती जी कर रहे हैं।
श्याम कुंवर भारती कहानिका हिंदी पत्रिका , प्रधान संपादक ने कहानिका के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा संस्था का आगामी अखिल भारतीय कवि सम्मेलन हरिद्वार उत्तराखंड में 12 जुलाई को होने जा रहा है।ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के शौर्य का उत्साहवर्धन हेतु साझा काव्य संकलन का प्रकाशन किया जा रहा है। डॉ. नीलू शुक्ला ने बहुत सुंदर मंच संचालन किया।
कवि सम्मेलन में देश भर के वरिष्ठ और प्रतिष्ठित कवियों और कवयित्रियों ने भाग लेकर अपने हृदय का उदगार व्यक्त कर श्रंद्धाजलि स्वरूप काव्य पाठ किया । कवियों में मुख्य रूप से राज्य प्रभारी एन. के पाठक निराला, ममता झा, मधुमिता साहा , विभा तिवारी, सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र), अंबिका झा मुंबई, नीता माथुर, डॉ. प्रतिभा प्रकाश, ममता झा , गुड्डू अनिल, सुधा पांडे, शशि जैसवार, बिनीता पांडे, डॉ.माया शुक्ला , नन्द किशोर खुने, तारा चंद महतो, मनीष तायवाडे, उड़ीसा दिवाकर पाठक ‘ विद्यार्थी’ हजारीबाग झारखंड ने भाग लिया।