आराधिका साहित्यिक मंच पर ‘जन्मदिवस’ विषयक काव्य गोष्ठी संपन्न 

आराधिका साहित्यिक मंच (पंजी.) पर मंच महासचिव सुधीर श्रीवास्तव (यमराज मित्र) 01जुलाई, वरिष्ठ कवि प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव ‘प्रणय’ ( संस्थापक प्रणय साहित्यिक दर्पण) 02 जुलाई एवं वरिष्ठ कवयित्री डा. आभा गुप्ता 01 जुलाई के जन्म दिन के उपलक्ष्य मंच की 41वीं भव्य आभासी काव्य गोष्ठी का 28 जून’ 2025 को अग्रिम आयोजन किया गया। गोष्ठी सायं 4:00 बजे से रात्रि लगभग 7.30 बजे तक निरंतर गतिमान रहकर भव्यता के साथ संपन्न हुई।

काव्यगोष्ठी का शुभारम्भ वरिष्ठ कवि डा. ओम ऋषि भारद्वाज ( एटा, उ. प्र. ) की वाणी वंदना से हुआ। तत्पश्चात संस्थापिका निधी बोथरा जैन, महासचिव सुधीर श्रीवास्तव ‘यमराज मित्र’, सलाहकार अनिता बाजपाई (वर्धा) ने सभी साहित्यकारों का अभिनन्दन करते हुए गोष्ठी केआयोजन की महत्ता को रेखांकित करते हुए सभी का स्वागत अभिनंदन कर बधाइयां शुभकामना दी।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों डा. सुधीर श्रीवास्तव ‘यमराज मित्र’, डा. आभा गुप्ता और प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधनों में ऐसे आयोजनों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सम्मानित मंच पदाधिकारियों, कवियों/कवयित्रियों का आभार व्यक्त करते हुए बधाइयाँ शुभकामनाएं दी।

तत्पश्चात काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। 40 कवियों कवयित्रियों ने यमराज मित्र को जन्म दिन की बधाइयां शुभकामनाएं आशीर्वाद देते हुए अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

गोष्ठी का मोहक संचालन करते हुए डा. अनीता बाजपाई और डा. बसंत श्रीवास ‘वसंत’ ने काव्यगोष्ठी को सफलता प्रदान की।

आयोजन को सफल बनाने में एक बार फिर मंच के पदाधिकारियों / वरिष्ठ कवियों/ कवयित्रियों का सराहनीय योगदान रहा। सभी पदाधिकारियों और शुभचिंतकों की सक्रिय, गरिमामय उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाने में सफलता प्राप्त हुई।

और अंत में विशिष्ट अतिथि सुधीर श्रीवास्तव यमराज मित्र ने भावुक कंठ से मंच और मंच पदाधिकारियों के प्रति जन्मदिन को खास बनाने के लिए आभार गुप्ता और प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव प्रणय के साथ काव्य गोष्ठी के आयोजन के लिए मंच का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से आपसी आत्मीयता का विकास होता है। स्वास्थ्य समस्या के बावजूद संस्थापिका डा.निधी बोधराम जैन की पूरे समय उपस्थित नमन योग्य है।

वरिष्ठ कवि साहित्यकार डा. ओम ऋषि भारद्वाज ने आभार, धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भव्य काव्य गोष्ठी के विराम की घोषणा की।