……….आह फ़िलिस्तीन………..
तेरे ज़ुल्म-ओ-सितम का देख ले उन पर असर क्या है,
तेरी बमबारियों का मोमिनों के दिल में डर क्या है।
शिकम पर बांध के पत्थर ख़ुदा से जो मुख़ातिब हैं,
शहादत की उन्हें लत है तुझे इसकी ख़बर क्या है।
सउदों के दिलों में ख़ौफ़-ए-रब होता ज़रा सा भी,
यहूदों को सबक़ मिल जाता कि ख़ौफ़-ओ-ख़तर क्या है।
शहादत की ललक कैसी है उन में पूछ मत मुझ से,
तुझे उन फूल से बच्चों के हिम्मत की ख़बर क्या है।
जहाँ बिजली है,न पानी है,न गन्दूम के दाने हैं,
मगर तू देख ले इस ज़ुल्म का उन पे असर क्या है।
तुझे शह मिल रही है आज मग़रिब के ख़ुदाओं से,
मगर वो भी फ़ना होंगे तुझे इस की ख़बर क्या है।
नदीम अब फ़ैसला रब का जो हो मंजूर है हम को,
बताएँ कैसे हम तुम को उधर क्या है इधर क्या है।
नदीम अब्बासी “नदीम”
गोरखपुर॥