लखनऊ उत्तर प्रदेश को विश्वस्तरीय पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार गंभीर और प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में मंगलवार को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन निदेशालय में विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रदेश में चल रही पर्यटन योजनाओं, प्रचार-प्रसार की गतिविधियों और संस्कृति विभाग की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा की गई।पर्यटन मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि बरसात शुरू होने से पहले सभी निर्माण और विकास कार्यों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण कर लिया जाए, ताकि आमजन को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को तेजी से जमीन पर उतारना और उनकी निरंतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।बैठक के दौरान प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक स्थलों और अल्पज्ञात पर्यटन स्थलों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए प्रभावी रणनीति पर चर्चा हुई। मंत्री ने निर्देश दिया कि सोशल मीडिया समेत डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से राज्य के प्रमुख गंतव्यों का प्रचार-प्रसार आधुनिक तकनीक और रचनात्मक सोच के साथ किया जाए, जिससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आकर्षण बढ़े।विशेष रूप से प्रदेश के बौद्ध स्थलों की चर्चा करते हुए जयवीर सिंह ने कहा कि इन स्थलों के विकास और प्रचार से राज्य में धार्मिक पर्यटन को बड़ा बल मिल रहा है और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान प्राप्त हो रही है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि बौद्ध स्थलों के साथ-साथ अन्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास में कोई कोताही न बरती जाए।मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार प्रदेश के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सभी योजनाओं को तय समयसीमा में पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाना अनिवार्य है। किसी भी स्तर पर लापरवाही या देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की सक्रिय भूमिका से उत्तर प्रदेश न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।