लखनऊ नगर निगम लखनऊ ने राजधानी को अतिक्रमणमुक्त बनाने की दिशा में मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए व्यापक स्तर पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। महापौर सुषमा खर्कवाल के निर्देशन और नगर आयुक्त गौरव कुमार के आदेश पर नगर निगम के तीन प्रमुख जोनों—जोन-2, जोन-5 और जोन-6—में एक साथ यह अभियान शुरू किया गया। ज़ोनल अधिकारियों के नेतृत्व में चले इस सघन अभियान में सार्वजनिक मार्गों और प्रमुख चौराहों पर फैलाए गए अतिक्रमण को हटाया गया, जुर्माना वसूला गया और अतिक्रमणकारियों को सख्त चेतावनी दी गई।जोन-2 में ज़ोनल अधिकारी शिल्पा कुमारी की निगरानी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई मिल एरिया चौकी से शुरू होकर एवरेडी चौराहे, बालाजी मंदिर कॉटन मिल लालकटोरा, दुर्गापुरी, चारबाग बस अड्डा, नत्था चौराहा, मेट्रो स्टेशन होते हुए अंबेडकर प्रतिमा तक चलती रही। इस दौरान दो ठेले, दो तिरपाल और अन्य छोटे सामान ज़ब्त किए गए। अतिक्रमण करने वालों से ₹500 का जुर्माना भी वसूला गया। कार्रवाई के दौरान राहगीरों और स्थानीय लोगों को राहत महसूस हुई।इसी प्रकार ज़ोन-5 में ज़ोनल अधिकारी नन्दकिशोर के नेतृत्व में मवैया छत्ता से लेकर चारबाग मेट्रो स्टेशन होते हुए केकेसी तक अभियान चलाया गया। इसमें 10 ठेले, एक गुमटी और चार काउंटर हटाए गए, जबकि दो ठेले ज़ब्त किए गए। अतिक्रमणकारियों से ₹1000 का शमन शुल्क वसूला गया। इस अभियान में कर अधीक्षक आलोक कुमार श्रीवास्तव, राजस्व निरीक्षक पीयूष तिवारी, कर निरीक्षक सुरभि यादव, प्रवर्तन दल (296) और पुलिस बल की सक्रिय भागीदारी रही।जोन-6 में ज़ोनल अधिकारी मनोज यादव के नेतृत्व में तीन बंदर मंदिर से लेकर दुबग्गा चौराहे तक व्यापक स्तर पर कार्रवाई हुई। यहां से 14 ठेले, 11 अस्थायी दुकानें, चार तख्त, एक ड्रम, एक लकड़ी की मेज, दो लोहे के स्टैंड और दो ठेले जब्त किए गए। ₹1200 का जुर्माना अतिक्रमणकारियों से वसूला गया। इस अभियान में कर अधीक्षक विजय शंकर, कर निरीक्षक धर्मदेव, प्रवर्तन दल और स्थानीय पुलिस बल मौजूद रहा।नगर निगम अधिकारियों ने सभी अतिक्रमणकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए दोबारा ऐसा न करने को कहा है। साथ ही संबंधित थानों को पत्र प्रेषित कर यह निर्देश दिया गया कि अतिक्रमण की पुनरावृत्ति रोकने के लिए नियमित निगरानी रखी जाए। नगर निगम के इस सुनियोजित और समन्वित अभियान से न केवल सड़क किनारे व्यवधान दूर हुए हैं, बल्कि आमजन को भी राहत मिली है। नागरिकों ने प्रशासन के इस कदम की सराहना करते हुए आग्रह किया कि ऐसे अभियान नियमित रूप से जारी रहें।