लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टी.बी. मुक्त भारत’ के संकल्प को साकार करने के लिए एक अभिनव पहल की है। उन्होंने सेवानिवृत्त आई.ए.एस. और आई.पी.एस. अधिकारियों, विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतियों और वरिष्ठ नागरिकों को ‘निःक्षय मित्र’ की बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए इनसे टी.बी. उन्मूलन के लिए जनजागरूकता फैलाने में सहयोग की अपील की।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर इन वरिष्ठ नागरिकों के साथ एक विशेष बैठक की, जिसमें उन्होंने प्रदेश में टी.बी. उन्मूलन के प्रयासों की जानकारी दी और सभी से इस राष्ट्रीय मिशन में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत ही समर्थ भारत का निर्माण कर सकता है, और भारत को टी.बी. मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है।मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में टी.बी. की जांच और उपचार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश में टी.बी. रोगियों की जांच अब चार गुना बढ़ गई है और उपचार की सफलता दर 92 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसके अलावा, निःक्षय पोषण योजना के तहत 27 लाख से अधिक टी.बी. रोगियों को 775 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।मुख्यमंत्री ने सभी सेवानिवृत्त अधिकारियों और कुलपतियों से अपील की कि वे टी.बी. रोगियों को गोद लें, उन्हें उपचार की जानकारी दें, और उनके परिवारों की जांच कराकर सही इलाज सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति टी.बी. उन्मूलन में योगदान दे, ताकि प्रदेश को टी.बी. मुक्त बनाया जा सके।बैठक में उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों ने मुख्यमंत्री के आह्वान को स्वीकार करते हुए सहयोग का संकल्प लिया।