लखनऊ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की उपस्थिति में आज जनपद गोरखपुर के फर्टिलाइजर कैम्पस में 176 करोड़ रुपये की लागत से 49 एकड़ भूमि में बने उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा वह माध्यम है, जो समाज में बदलाव लाती है व समानता का अवसर उत्पन्न करती है, साथ ही असमानताओं पर कुठाराघात भी करती है। यह सैनिक स्कूल भावी पीढ़ी के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा। देश व प्रदेश के छात्र-छात्राओं के मन में यहां की पृष्ठभूमि व विरासत सदा विद्यमान रहेगी। मुख्यमंत्री जी का प्रतिबिम्ब हमेशा सैनिक स्कूल की परिच्छाया में दिखेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री जी के आमंत्रण के फलस्वरूप गोरखपुर की धरती पर चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल के पुरातन छात्र की हैसियत से उद्घाटन समारोह में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ है।
उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि यह सैनिक स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन की नींव साबित होगी, क्योंकि शिक्षा के बिना समाज में परिवर्तन सम्भव नहीं है। समाज में फैली कुरीतियों पर शिक्षा के माध्यम से ही कुठाराघात किया जा सकता है। शिक्षा की लौ, जिस मंदिर, देश व प्रदेश में जलेगी, वहां अपनी रोशनी से कुरीतियों को दूर कर समाज को प्रकाशमय बनायेगी। वर्तमान परिदृश्य में वैचारिक दृढ़ता, मूल चिंतन प्रतिबद्धता तथा राष्ट्र भावना के प्रसार की अत्यंत आवश्यकता है। यह तीनों ही गुण देश के ओजस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में है। जो गत दशक से देश को एक ऐसे रास्ते पर ले जा रहे हैं, जिससे पूरी दुनिया हतप्रभ है। दुनिया में भारत की आज अलग पहचान है। देश में विकास की गंगा बह रही है। इसमें मुख्यमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में वर्ष 2017 के पश्चात उत्तर प्रदेश की उत्तम प्रदेश के रूप में गुणात्मक भागीदारी है। यह राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान है। प्रदेश में अनेक नए कार्य किए गए हैं, जिनकी चर्चा पूरे देश में है। मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में किये गये चमत्कारिक विकास कार्यां की गूंज प्रत्येक जगह सुनायी देती है। उन्होंने असम्भव कार्यां को सम्भव करके दिखाया है। पहले देश का सबसे बड़ा प्रदेश भय तथा अराजकता की चपेट में था। शासन की शिथिलता के कारण आम आदमी परेशान था। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में कानून का राज कायम हुआ है। हम सभी को भी भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के महायज्ञ में अपनी आहुति देनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र के प्रति यह सैनिक स्कूल हम सबको समर्पण, दया, प्रेम, अनुशासन, देश की एकता, अखण्डता को अक्षुण्ण बनाएं रखने का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह देश के प्रत्येक राज्य को सैनिक स्कूल का निर्माण करने, देश की प्रगति में योगदान देने, राष्ट्रवाद की भावना का प्रसार करने तथा राष्ट्र एकता का संदेश चहुँओर दिशा में प्रसारित करने के लिए प्रेरणा प्रदान करेगा।