महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या। कुलगुरू ब्रह्मर्षि खेताराम महाराज की सत्प्रेरणा और सद् गुरूदेव तुलछाराम महाराज खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ बालाेतरा राजस्थान के पावन सानिध्य में अयाेध्यापुरी स्थित मारुतिनंदन धाम में 15 जून से सप्त दिवसीय श्रीराम यज्ञ का दिव्य आयोजन हुआ। यज्ञ का समापन 21 जून को हाेगा। श्रीराम यज्ञ में पड़ने वाली आहुतियाें और वेदाें मंत्राेच्चारण संग पूरी रामनगरी गुंजायमान हाे रही है। धार्मिक कार्यक्रम में पांचवे दिवस स्वामी तुलछाराम महाराज की सानिध्यता में विराट संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में अयाेध्यापुरी समेत अन्य प्रांताें के जगद्गुरु, महामंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत सम्मिलित हुए। स्वामी तुलछाराम महाराज ने कहा कि भगवान राम ने दुनिया को मानवता का संदेश दिया। संत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए रेवासा पीठाधीश्वर अग्रदेवाचार्य राघवाचार्य ने कहा कि यह पावन पुनीत अयाेध्यानगरी है। जहां प्रभु श्रीराम ने अवतार लिया। श्रीराम ने पूरी दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया। अयोध्या सप्तपुरियाें में मस्तक के समान है। जिसे माेक्षदायिनी नगरी कहा गया है। जगद्गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कहा कि अयोध्या की भूमि काेई साधारण भूमि नही है। यहां का एक कण अगर मस्तक पर पड़ जाए। ताे उसकी साधना पूर्ण हो जायेगी। परमात्मा भाव के भूखे हैं। अयोध्या की धरती ब्रह्म रज से विभूषित है। श्रीराम का चरित्र प्रासंगिक है। पूरे विश्व काे चरित्र देने का काम श्रीराम ने किया है। मंगलभवन पीठाधीश्वर महंत कृपालु रामभूषण दास ने कहा कि अयोध्या की महिमा निराली है। इसकी सेवा सभी नगरियां करती हैं। ब्रह्मा जी जगत के रचयिता हैं। संत सम्मेलन का संचालन अयाेध्याधाम स्थित श्रीरामाश्रम पीठाधीश्वर महंत जयराम दास वेदांती द्वारा किया गया। अंत में स्वामी तुलछाराम महाराज के उत्तराधिकारी ज्ञानाराम ने पधारे हुए संत-धर्माचार्याें का अंगवस्त्र ओढ़ाकर एवं भेंट-विदाई कर स्वागत-सम्मान किया। सम्मेलन में जगन्नाथ मंदिर के महंत राघव दास, रामहर्षण कुंज महंत अयोध्या दास, डाड़िया मंदिर के महंत महामंडलेश्वर गिरीश, तुलसीदास छावनी के महंत जनार्दन दास, भागवत विद्यापीठ के महंत नव्यन्यायाचार्य महंत तुलसीदास, रामचरित मानस विद्यापीठ महंत कमलादास रामायणी, श्रीरामकृष्ण मंदिर महंत गणेशानंद दास, सरयूकुंज महंत राममिलन शरण, विश्वकर्मा पांचाल मंदिर के महंत महेश दास, रामचरितमानस भवन के महंत अवधबिहारी दास, खाकचौक के महंत अयोध्या दास ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर महंत अंजनी शरण, आचार्य कृष्णचंद्र ठाकुर, स्वामी गयाशरण, संतदास आदि संत-महंत एवं भक्तजन माैजूद रहे।