कुशीनगर, 31 मई पश्चिम बंगाल में तूफान रेमल का लैंडफाल हो चुका है। करीब 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ गंभीर चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ नेपाल के उत्तर से दक्षिण पटना बिहार बहने वाली नारायणी गंडक नदी जो उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला मुख्यालय के उत्तर से और पश्चिमी चंपारण बिहार के दक्षिण मध्य इलाकों में टकराया हैं। इस दौरान भारी बारिश हुई, जिससे घरों और खेतों में पानी भर गया। चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ तबाही के कई निशान छोड़ गया है।
बीते गुरुवार की रात 8:35 बजे उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और पश्चिमी चंपारण के बीच उत्तर से दक्षिण निकटवर्ती तटों पर लैंडफाल शुरू हुआ।
लैंडफाल के वक्त पूर्वोत्तर राज्य के कुशीनगर जनपद के जटहा बाजार, खड्डा, छितौनी सहित कई हिस्सों में तेज हवा के साथ जोरदार बारिश हुई। चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ से लोगो के घरों को नष्ट कर दिया। पेड़ों को उखाड़ दिया और बिजली के खंभों को गिरा दिया। पडरौना कोतवाली थाना क्षेत्र और जटहां बाजार इलाके में टूटे पेड़ छतों के उड़ते कट रैन के चपेट में आने से कई लोगों को घायल होने की सूचना मिल रही हैं। तेज धूल भरी आंधी जैसे ही चक्रवात के रूप में आया। बारिश की मोटी चादरों से क्षेत्र धुंधला हो गया था। जटहां बाजार जलमग्न होने से दुकानदारों का सामान बहने लगा। फूस और छतों के कट रैन उड़ा ले गया तो मकान के झरोखे के शीशे टूट गए। बिजली के खंभे टूट गए। कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए। पडरौना जटहां मार्ग पर पेड़ो के गिरने से आवागमन ठप पड़ गया। इलाके के हजारों एकड़ केले की खेती धराशाई हो गए हैं। किसान माथा पकड़ कर चिंता में बैठ गए हैं। रेमल तूफान से किसानों की फसलों की बर्बादी ने किसी की बेटी की शादी, बच्चों की पढ़ाई सब कुछ धराशाई हो गया है।