📓 *ओ३म्*📓
🕉️ ईश्वरीय वाणी वेद 🕉️
*ओ३म् विश्वे देवासो अस्त्रिध एहिमायासो अद्रुह: । मेधं जुषन्त वह्न्य:।।*
।। ऋग्वेद १/३/९।।
📙 *मंत्र का पदार्थ*📙
( एहिमायास: ) हे क्रिया में बुद्धि रखने वाले ( अस्त्रिध: ) दृढ़ ज्ञान से परिपूर्ण ( अद्रुह: ) द्रोह रहित ( वह्न्य: ) संसार को सुख पहुंचाने वाले ( विश्वे ) सब ( देवास: ) विद्वान लोगो! तुम ( मेधम् ) ज्ञान और क्रिया से सिद्ध करने योग्य यज्ञ को ( जुषन्त ) प्रीति पूर्वक यथावत् सेवन किया करो!
💐 *मंत्र का भावार्थ*💐
ईश्वर आज्ञा देता है कि – हे विद्वान लोगो! तुम दूसरे के विनाश और द्रोह से रहित तथा अच्छी विद्या से क्रिया वाले होकर सब मनुष्यों को सदा विद्या से सुख देते रहो !
🩸 *मंत्र का सार तत्व*🩸
अगर कोई विद्वान अपनी विद्या का दुरुपयोग करता है तो उससे *संसार का विनाश और लोगों में द्रोह भावना जागृत* होती है।आम जनता में ये विद्वान बड़ा है।ये छोटा है की भावना पैदा होती है उससे *विद्वान व विद्या दोनों अपयश* को प्राप्त होते हैं! लोगों में धर्म से ईश्वर से अनास्था होने लगती है।
अतः विद्वानों को उचित है कि सर्वप्रथम वो अपनी *अविद्या / मिथ्या ज्ञान/विपरीत ज्ञान/उल्टे ज्ञान* को यथार्थ ज्ञान/तत्वज्ञान में परिवर्तित करें और *जैसा मन में, वैसा वाणी में और वैसा ही शरीर से आचरण* करके मानव मात्र मात्र को विद्या से सुख देते रहें। क्योंकि इस नश्वर संसार में *विद्या से प्राप्त सुख* से बड़ा सुख कुछ भी नहीं है, और यह सुख केवल योग्य विद्वान ही दे सकते हैं अतः विद्वानों को अपने धर्म पालन में प्रमाद नहीं करना चाहिए!
🌳 *महत्वपूर्ण सूचना*🌳
आज दिनांक एक जून से दिनांक सात जून तक *ज़ूम एप पर* वेदों में 🕉️ मनोविज्ञान 🕉️ इस विषय पर सप्त दिवसीय *वेद व्याख्यान माला* प्रारंभ होने जा रही है।समय है रात्रि ७.१५ मिनट से रात्रि ९.१५ मिनट तक।
🌹 कार्यक्रम आई डी 🌹
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🌻 कार्यक्रम पासवर्ड 🌻
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भारतीय सनातन संस्कृति के *रहस्य मय ज्ञान* को सुनने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं। इस अवसर पर पंडिता रुक्मिणी जोशी वैदिक भजनोपदेशिका बाराबंकी के *वैदिक भजन* भी आप सुन सकते हैं।
आचार्य सुरेश जोशी
🪷 वैदिक प्रवक्ता 🪷
आर्यावर्त साधना सदन पटेल नगर दशहराबाग बाराबंकी उत्तर प्रदेश ☎️ 7985414636☎️