मेरठ वकालत के पेशे में पांच दशक पूरा करने वाले दर्जनों वकीलों को मेरठ बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित भव्य समारोह में सम्मानित किया गया। बतौर मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज मित्थल ने सभी अधिवक्ताओं को यह सम्मान प्रदान किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक चौधरी और प्रशासनिक जज ललित कुमार राय, जिला जज मेरठ रजत सिंह जैन, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ मंच पर मौजूद रहे।
सम्मान समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज मित्थल ने कहा कि बुजुर्ग बरगद के पेड़ की तरह होते हैं। इनका सम्मान, आदर और सत्कार करते रहना चाहिए, इनकी पूजा करनी चाहिए। अनुभव, ज्ञान, बुद्धि और विवेक उम्र के साथ-साथ बढ़ता जाता है। जिन अधिवक्ताओं ने 50-60 साल की वकालत की है आज हम उनकी पूजा कर रहे हैं। उनका अनुभव कोष बहुत बड़ा है। यह बुजुर्ग बरगद की छाव की तरह हैं। आज के वकीलों को ऐसे बरगद के नीचे बैठना चाहिए और उनके अनुभवों का लाभ लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेरठ से मेरा आत्मीय का रिश्ता है। मेरठ घर आने जैसा है। उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता भी पढ़ी। जिसका मर्म यह था कि 50 साल के अनुभव के बाद जीवन का अनुभव बदल जाता है। उन्होंने इस मौके पर न्यायमूर्ति प्रेम शंकर गुप्ता को याद किया और उनके द्वारा दी गई सीख को साझा किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहिताश्व अग्रवाल एवं संचालन महामंत्री अमित कुमार दीक्षित द्वारा किया गया। समारोह में बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन शिव किशोर गौड़, सदस्य हरि सिंह, मधुसूदन त्रिपाठी, श्रीश मल्हौत्रा, अवनेंद्र सिंह, उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र मोहन शर्मा, निखिल जैन, विवेक सिंह, पूर्व अर्टानी ऑफ जनरल रीना सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे।