🌼 ओ३म् 🌼
*वेद ईश्वरीय वाणी*
📚आज का वेद मंत्र 📚
🪷 *ऋग्वेद १/१/७*🪷
ओ३म् त्वाग्ने दिवेदिवे दोषावस्तर्धिया वयम् ।नमो भरन्त एभसि।।
🍁 *मंत्र का पदार्थ* 🍁
[ अग्ने ] हे सब के उपासना करने योग्य परमेश्वर! हम लोग [ दिवेदिवे ] अनेक प्रकार के विज्ञान होने के लिए [ धिया ] अपनी बुद्धि और कर्मों से आपकी [ भरन्त ] उपासना को धारण और [ दोषावस्त: ] रात्रि -दिन में निरंतर [ नमः] नमस्कार आदि करते हुए [ उपैमसि] आपके शरण को प्राप्त होते हैं।
🕉️ *मंत्र का भावार्थ* 🕉️
हे सबको देखने और सब में व्याप्त होने वाले उपासना के योग्य परमेश्वर!हम लोग सब कामों के करने में एक क्षण भी आपको नहीं भूलते,इसी से हम लोगों को अधर्म करने में कभी इच्छा भी नहीं होती, क्योंकि जो सबका साक्षी परमेश्वर है,वह हमारे सब कामों को देखता है।
🌲*वेद मंत्र का सार*🌲
जैंसे आप बैंक, स्टेशन आदि पर जाते हैं वहां जगह -जगह पर दीवार लेखन होते हैं सावधान!आप *कैमरे की नजर* में है।इसका प्रभाव आपकी बुद्धि पर पढ़ता है आप सावधान रहते हैं कि हमसे कोई गल्ती न हो जाए! ठीक इसी प्रकार जो ईश्वर भक्त हमेशा यह सोचता है कि मेरे प्रत्येक कर्म को *ईश्वर देख रहा है* उनकी बुद्धि हमेशा पवित्र रहती है इसलिए वो चाह कर भी पाप कर्मों में प्रवेश नहीं करते हैं और सदा आनंद में रहते हैं।
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