आइये जाने कि इस लोकसभा क्षेत्र में चार दशक से कांग्रेस का खाता नही खुला

बस्ती, कांग्रेस पार्टी जब से उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों से गठबन्धन करके चुनाव लड़ रही है तब से टिकट बंटवारे मेें कांग्रेस को चुनाव लड़ाने के लिए कम ही सीट मिलती है आइये जाने कांग्रेस का खाता बस्ती में कब से नही खुला लेकिन उससे पहले हमें 25 मई को सबसे पहले मतदान करने की शपथ लेनी है। मतदान करना पुनीत कार्य है, मतदान से लोकतंत्र की गरिमा बढ़ेगी। लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी द्वारा अच्छा प्रदर्शन न कर पाने के कारण 1984 के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों को अब तक हार का सामना करना पड़ा है।
बुधवार को राजनीतिक सूत्रों ने यहां यह जानकारी देते हुए बताया है कि एक समय ऐसा था कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अच्छा प्रदर्शन किया जाता था, जिससे जनता अपना मतदेकर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों को विजयी बनाती थी, 1984 के लोकसभा चुनाव में इण्डियन नेशनल कांग्रेस पार्टी द्वारा रामअवध प्रसाद को प्रत्याशी बनाया गया था, जिन्होंने लोकदल पार्टी के प्रत्याशी राम दुलेरा सोनकर को 1 लाख 54 हजार 602 मतों से हराकर सांसद बने थे। लोकसभा चुनाव 1989 में जनता दल के प्रत्याशी कल्पनाथ सोनकर ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रामअवध प्रसाद को 33 हजार 219 मतों से हराकर सांसद बने थे। 1991 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी श्यामलाल कमल ने 71 हजार 465 मतों से जीत दर्ज करायी थी। 1996 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी श्रीराम चैहान ने 49 हजार 8 सौ 38 मतों से चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचे थे। 1998 तथा 1999 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी श्रीराम चैहान ने पुनः जीत दर्ज करायी थी, 2004 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाजपार्टी (बसपा) के प्रत्याशी लालमणि प्रसाद ने भाजपा प्रत्याशी श्रीराम चैहान को 25 हजार 374 मतों से जीतकर बसपा पार्टी के पहले सांसद बने थे। 2009 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने अरविन्द कुमार चैधरी को प्रत्याशी बनाया था जो 1 लाख 5 हजार 210 मतों से विजयी हुए थे, 2014 के चुनाव मेें भारतीय जनता पार्टी ने हरीश द्विवेदी को अपना प्रत्याशी बनाया जहां पर हरीश द्विवेदी के अच्छे प्रदर्शन तथा मोदी लहर में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बृजकिशोर सिंह डिम्पल को 33 हजार 562 मतों से हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी ने पुनः जीत दर्ज करायी।
वर्तमान समय में चुनाव अपने चरम पर पहुंच गया है नामाकंन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है, इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वर्तमान सांसद हरीश द्विवेदी को प्रत्याशी बनाया है, समाजवादी पार्टी (सपा) तथा इण्डिया गठबंधन द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार ने कई बार कैबिनेट मंत्री रहे, रामप्रसाद चैधरी को अपना प्रत्याशी बनाया गया है तथा बहुजन समाजपार्टी (बसपा) द्वारा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र को मैदान में उतारा है।

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