🌹🌹 ओ३म् 🌹🌹
🪷 वैदिक पाठशाला 🪷
🧘 THE GURU 🧘 सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरेली में 📙 वैदिक पाठशाला 📙का समायोजन किया गया जिसका विषय था 🌻 बुद्धि विकास का द्वार विवेक 🌻
व्याख्यान माला में समस्त विद्यालय परिवार तन-मन-धन से सहयोग करता नजर आया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने बताया कि हमारे शरीर के तीन भाग हैं। स्थूल शरीर,सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर।सूक्ष्म शरीर के चार भाग हैं।(१) मन(२) बुद्धि (३) चित्त (४) अहंकार।
बुद्धि का विकास तभी संभव है जब शरीर स्वस्थ रहेगा। स्वस्थ शरीर के तीन सूत्र 🌸 सात्विक आहार 🌸 प्रगाढ़ निद्रा 🌸 ब्रह्मचर्य की रक्षा।आज की शिक्षा प्रणाली में तीनों का कोई स्थान नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप छात्र/छात्राएं शरीर अस्वस्थ व अर्धनिद्रा के कारण तनाव, मानसिक अस्थिरता व लक्ष्य विहीन जीवन की ओर बढ़ रहे हैं और शिक्षा 🍁 सरकार व पूंजिपतियों के व्यवहार 🍁 का शिकार बन चुकी है। इसलिए विद्यार्थियों को मांसाहार से बचना होगा। जल्दी सोना व जल्दी उठना दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाना होगा। व्यायाम+ प्राणायाम व योगासन से स्वस्थ शरीर का निर्माण करना होगा।
🥝 बुद्धि -विवेक की यात्रा 🥝
इस प्रकार स्वस्थ शरीर में बुद्धि का जागरण प्रारंभ होगा। बुद्धि से विवेक के द्वार तक पहुंचने के लिए प्रत्येक छात्र/छात्राओं को ओ३म् अथवा गायत्री मंत्र का अर्थ सहित पाठ करना अनिवार्य होना चाहिए। वैदिक संस्कृति के गुरुकुल इन्हीं मंत्रों के पाठ से अपने अध्ययन व अध्यापन का कार्य प्रारंभ करते थे।इस प्रक्रिया से बुद्धि ऋतंभरा स्तर को प्राप्त करती थी और विवेक का द्वार खुलता था।
मंत्र पाठ के बाद दूसरा स्थान है 🌾स्वाध्याय 🌾 का। केवल कक्षा पुस्तकों के अध्ययन से रोटी कपड़ा और मकान ही प्राप्त होता हैं विवेक का द्वार नहीं खुलता। इसके लिए कक्षा पुस्तकों के अतिरिक्त 🌴 दर्शन 🌴 उपनिषद् 🌴मनु स्मृति व बाल्मीकि रामायण से आध्यात्मिक उन्नति करनी आवश्यक है। क्योंकि चारित्रिक बल की प्राप्ति वैदिक ग्रंथों व श्रीराम, श्रीकृष्ण, महर्षि दयानंद, महर्षि पतंजलि जैसे महापुरुष के जीवन चरित्र व उनके साहित्य के पठन पाठन से ही संभव है।
इस प्रकार शरीर के तीन सात्विक आहार व्यायाम🍁मन के लिए परोपकार🍁 बुद्धि के लिए ज्ञान🍁आत्मा के लिए ध्यान🍁 व परमात्मा के लिए समर्पण🍁 ही श्रेष्ठ मानव का निर्माण कर सकता है।शिक्षा का यही उद्देश्य है।जिन शिक्षण संस्थानों में इस विधि से पठन-पाठन नहीं होगा वो राष्ट्र को योग्य नेतृत्व नहीं दे पायेंगे।
इस उद्बोधन के बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय ने इस 🪷इस वैदिक पाठशाला 🪷 सत्र की भूरि -भूरि प्रसंशा की ओर भविष्य में ऐसे सत्रों को पुनः चलाने के लिए संकल्प की घोषणा करते हुए विद्यालय परिवार की ओर से आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम के संयोजक आर्य सचिन सक्सेना जी ने ऐसे वैदिक पाठशाला सत्रों को जनपद स्तर पर चलाने की घोषणा की।
आचार्य सुरेश जोशी
🏵️ वैदिक प्रवक्ता 🏵️
आर्यावर्त साधना सदन पटेल नगर दशहराबाग बाराबंकी उत्तर प्रदेश ☎️ 7985414636☎️