वो आख़िर दिन
हर शाम सूरज ढलता है,
हर रात चाँद निकलता है,
दिन गुजरते जाते हैं,
जीवन के सफ़र को साथ लेते हुए।
जीवन एक संघर्ष है,
परिश्रम से ही मिलता है अभिवृद्धि का पथ,
जीत या हार, समय की नहीं होती है ख़ास,
जो सीख लेते हैं वह जीतते हैं अंततः।
खुशियों की दौलत नहीं होती,
दुखों से सीखने वाले ही जीते हैं,
हर उदासी को अपने साथ लेकर,
नई उमंगों की तरफ़ बढ़ते हैं।
आखिरी दिन है, बस एक बात याद रखें,
जीवन के हर पल का आनंद उठाएं,
प्यार और दोस्ती से भर दे जीवन की कला,
अपने आखिरी दिन को सुंदर बनाएं।
विचारक साहित्यकार
डॉ अर्चना श्रेया