श्री हनुमान जी के जीवन कथाओं से मिलती है चिंता को चिंतन में बदलने की शिक्षा

बस्ती -4 दिसंबर गायत्री शक्तिपीठ पर श्री हनुमत कथा तीसरे दिन सायंकालीन प्रारम्भ हुई | संगीत भजनों से श्रोताओ को मंत्र मुग्ध कर आचार्य मधुर जी महाराज ने हनुमत चरित्र की दर्शनिक व्याख्या करते हुए कहा की चिंता को चिंतन में बदलने के लिए उसके अनुरुप आचरण करने की शिक्षा श्री हनुमान जी के जीवन कथाओं से मिलती है | चिंतायुक्त सुग्रीव को चिंतनशील श्री राम जी को मिलाकर भय मुक्त करा देना इसका उदहारण है | उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जिसकी प्रशंसा भगवान राम ने अपने सभी भाइयों के समान की उनकी भक्ति, उनकी शक्ति, उनकी बुद्धिमता सभी के लिए वंदनीय एवं अनुकरनीय है | आज अवश्यक्ता है कि समाज में फैले चिंता, भय, कष्ट, दीनता इत्यादि को हटाने का एकमात्र उपाय हनुमत चरित्र को अधिकाधिक लोगों को दिखाया,पढाया एवं सुनाकर किया जा सकता है | आज कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओम प्रकाश आर्य ने व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण, राष्ट्र निर्माण के लिए नवयुवको का आवाहन किया तथा दुर्व्यसनो से दूर रहने का निवेदन किया |
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से गिरधारी लाल साहू, प्रमोद गाड़िया,वरिष्ठ परिव्राजक/ट्रस्टी राम प्रसाद त्रिपाठी,सहायक प्रबंध ट्रस्टी राम चंद्र शुक्ल,जगदम्बिका पांडेय,सर्वेश श्रीवास्तव,के के पांडेय,श्याम पांडेय,कपिल देव,स्वामी दयाल,राजकुमार,विशाल,शिवम्,महेश्वरानंद,मोनू,विवेक,अमन,श्रवण कुमार सहित हजारो की संख्या में लोग उपस्थित रहे |

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