मैं हिंद देश में उदभी भी हूं
मैं भारत की शान हूं।
जन-जन के भाव में बिलसी ,
मैं भारत का अभिमान हूं ।
मैं मधुर सरस करुणामयी,
मैं स्नेह रूप बलिदान हूं
मैं हिंदी हूं मैं हिंदी हूं,
मैं भारत की पहचान हूं।
मत करो मुझे तुम अनदेखा,
मैं रामचरित का गान हूं।
मैं वाकमयी की स्नेहा सुता,
वेदों में मैं अभिराम हूं
मैं हिंदी हूं मैं हिंदी हूं
डॉ अनुमोदिता शुक्ला