बस्ती। न्याय पीठ बाल कल्याण समिति ने शुक्रवार को नेपाल दूतावास से अधिकृत संस्था के प्रतिनिधि को नेपाली किशोर को नेपाल वापिस ले जाने का अधिकार पत्र सौप दिया। किशोर भटक कर नेपाल से भारत में आ गया था तथा इस समय बाल गृह में संरक्षित था।
बताते चलें कि बालक को 18 जुलाई को चाइल्ड लाइन बस्ती के द्वारा न्याय पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, चाइल्ड लाइन को बच्चा बस्ती जीआरपी से प्राप्त हुआ था, सी डब्लू सी के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा, सदस्य अजय श्रीवास्तव, मंजू त्रिपाठी, डा संतोष श्रीवास्तव ने चाइल्ड लाइन के द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों का अध्ययन कर बालक के मेडीकल कराने का आदेश जारी किया था। मेडीकल परीक्षण के बाद बालक के संरक्षण की आवश्यकता को देखते हुए न्याय पीठ के आदेश पर गोंडा बाल गृह में संरक्षित कराया गया था। इसी क्रम में नेपाल दूतावास से संपर्क करते हुए बच्चे को उसके परिवार में भेजने का प्रयास किया जा रहा था। शुक्रवार को नेपाली प्रतिनिधि के द्वारा न्याय पीठ के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा से कार्यालय में भेंट कर प्रपत्र प्रस्तुत किया गया। प्रपत्रों की जॉच के पश्चात न्याय पीठ ने उक्त प्रतिनिधि को नेपाली किशोर को वापिस ले जाने का आदेश पत्र सौप दिया। चेयर पर्सन प्रेरक मिश्रा ने बताया कि जब किसी दूसरे देश का बालक अपने देश की सीमा में मिलता है तो उसकी सुपुर्दगी दोनो देशों के दूतावास के आपसी सहमति वा कानूनी औपचारिकता को पूर्ण करने के बाद की जाती है।