100वीं जयंती के उपलक्ष्य में अटल जी के जीवन को नाटक के जरिये दर्शाया गया

गोरखपुर: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में, संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से ‘सर्वोदय ग्रामोद्योग विकास संस्थान गोरखपुर द्वारा शहर के सिक्टौर स्थित राम गुलाम राय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के आडिटोरियम में शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेयी पर नाट्य प्रस्तुति की गई। इस मौके पर उनके चित्रों के प्रदर्शनी के अलावा नृत्य में, नाटकों और गीतों में भी दर्शाया जा रहा है। इस समारोह में अटल जी कविताओं को कथक नृत्य की भाव- भंगिमाओं के साथ दिखाया गया। वहीं उनके जीवन को नाटक में भी दर्शाया गया। उनके जीवन पर लगी चित्र एवं शिल्प प्रदर्शनी को देखने वालों का तांता लगा रहा।

*नाटक में कही जीवन गाथा*

 

‘मेरी यात्रा-अटल यात्रा’ नाटक में अटल जी के विद्यार्थी जीवन से लेकर साहित्यिक जीवन, पत्रकारिता और फिर राजनीतिक जीवन के बारे में बताया गया। प्रशांत द्विवेदी ने बेहतरीन अभिनय किया। नाटक परिकल्पना, लेखन व निर्देशन शशांक शुक्ल का था। मंच से परे अन्य कलाकारों में मुख सज्जा सुरेश पाण्डेय ने की। संगीत दिया माधुरी पाण्डेय ने, वस्त्र विन्यास राम मूर्ति मिश्र की थी।

*अटल की कविताओं को कथक में दिखाया*

 

गोरखपुर के कथक कलाकारों की ओर से ‘समर्पण’ नृत्य नाटिका की प्रस्तुति की गयी। इसमें पचास से अधिक कलाकारों ने कथक नृत्य के माध्यम से अटल जी की कविताओं पर आधारित प्रस्तुति दी। सूत्रधार में स्वयं अटल जी के रुप में उनके संघर्षों व उदात्त विचारों को बीच बीच में मंच पर प्रस्तुत किया। अटल जी की कविता क्या खोया क्या पाया जग में, गीत नया गाता हूँ, ताजमहल यह ताजमहल, आओ फिर से दिया जलाएँ, जीवन बीत चला, कंठ कंठ में एक राग है तथा कदम मिलाकर चलना होगा पर कलाकारों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।

 

गायन व संगीत निर्देशन लक्ष्मी मिश्र तथा नृत्य निर्देशन तूलिका व अदम्य पाण्डेय का रहा। वाद्य वृन्द में तबला पर हर्ष देव पाण्डेय, बांसुरी पर सचिन्द्र कुमार, की बोर्ड पर मंगला प्रसाद, की पैड पर राजा राम यादव, पार्श्व गायन में पुष्पा गौतम व आज्ञा राम ने प्रभावी संगत की। कलाकारों में नत्या, निहारिका, आरती, विधि, प्रियांशी, भात्या, उन्नति, मनीषा, सृष्टि प्रताप, शताक्षी, अदिति, आरोही, शगुन, केसर, सपना, प्रिया, स्निग्धा, गौरांगी, प्रतिष्ठा, सान्वी, वागीशा, अनन्या, सृष्टि, शरण्या, प्रियम, निधि, प्राची, रितिका, विधि, वैष्णवी, शगुन, शिवांगी, पाखी, आकृति, आकांक्षा, अनन्या, पीहू, आश्वी, काजल, यशिका, दीप्ति,

 

मौसम, डिम्पल, वैभवी व अनुष्का आदि प्रमुख थीं।

 

*प्रदर्शनी में लगा रहा लोगों का तांता*

 

राम गुलाम राय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के आडिटोरियम परिसर में लगी प्रदर्शनियों में दिन भर दर्शकों का तांता लगा रहा। यहां अटल जी पर केन्द्रित अभिलेख व दुर्लभ चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई है।