बस्ती। प्रसिद्ध गांधीवांदी विचारक कला प्रसार समिति के पूर्व उप सभापति वंशीधर दूबे को उनके बारहवीं पुण्य तिथि पर याद किया गया। सोमवार को समिति के सचिव हरिस्वरूप दूबे के संयोजन में समिति पदाधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गांधी कला भवन स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बापू प्रतिमा को नमन् किया।
माल्यार्पण के बाद कलेक्टेªट परिसर पर एक गोष्ठी आयोजित कर वंशीधर दूबे के योगदान को याद किया गया। डा. वी.के. वर्मा, सत्येन्द्रनाथ ‘मतवाला’ डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ श्याम प्रकाश शर्मा एडवोकेट, वीरेन्द्रनाथ पाण्डेय, ओम प्रकाश लाल श्रीवास्तव, अमरनाथ शुक्ला, गौरवमणि त्रिपाठी, अपूर्व शुक्ला आदि ने कहा कि वंशीधर दूबे ने गांधी कला भवन को आधार बनाकर बापू के विचारों से लोगों को जोड़ने का आखिरी क्षण तक अपना प्रयास जारी रखा। वे प्रसिद्ध गांधीवादी थे। आज गांधी कला भवन को विकास प्राधिकरण का कार्यालय बना दिया गया है, इसके बाद से ही वैचारिकी का प्रमुख स्थल हाशिये पर है। अच्छा हो कि प्रशासन अपनी भूल स्वीकार करे और गांधी कला भवन को समिति को वापस किया जाय जिससे पुनः यहां पर विमर्श हो सके।
समिति के सचिव हरिस्वरूप दूबे ने कहा कि गांधी कला भवन की प्रतिष्ठा और उसके भवन को वापस दिलाने के लिये समिति लगातार संघर्षरत है। निश्चित रूप से उसमें सफलता मिलेगी। कहा कि गांधी कला भवन की बौद्धिक विरासत को वापस पाने के लिये संघर्ष निरन्तर जारी है। उन्होने इसके लिये जन सहयोग का आवाहन किया।
विष्णुदेव मिश्र, सूर्यकान्त त्रिपाठी, विवेक पाल, आलोक मिश्र, सुदामा राय, विद्या प्रसाद पाण्डेय, अभिषेक मोहन श्रीवास्तव आदि ने बंशीधर दूबे के योगदान को स्मरण करते हुये कहा कि वे आखिरी क्षणों तक महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन से जोड़ने के लिये प्रयत्नशील रहे । उनका सपना था कि गांधी कला भवन को विकसित किया जाय किन्तु दुर्भाग्य से उनका सपना अधूरा है। इसके लिये सबको मिलकर प्रयास करना होगा। जिलाधिकारी से आग्रह किया जायेगा कि पट्टे का नवीनीकरण कराकर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संस्था के स्वरूप को बनाये रखा जाय। वंशीधर दूबे को नमन् करने वालों में श्रीमती सीमा, पूनम, रश्मि, पद्मेश, उदय स्वरूप, गणेश प्रसाद, सन्तोष कुमार पाण्डेय, विनय कुमार श्रीवास्तव, गिरीश चन्द्र मिश्र, पं. चन्द्रबली मिश्र, दीनानाथ यादव, यजत, पल्टूराम, बब्लू पाण्डेय, विद्या सागर पाण्डेय आदि शामिल रहे।