बस्ती, 7 अगस्त 2023।
अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बस्ती मंडल डॉ. नीरज पांडेय ने कहा है कि फाइलेरिया रोग एक बार हो जाने पर इसका इलाज संभव नहीं है। इस रोग से बचाव ही सबसे ज्यादा उपयुक्त है। बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर साल मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है, जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाते हैं। इस साल यह कार्यक्रम 10 से 28 अगस्त तक चलेगा। यह बातें उन्होंने जीआईसी स्थित एक होटल के सभागार में सोमवार को आयोजित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला में कहीं। कार्यशाला का आयोजन स्वास्थ्य विभाग ने सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च( सीफार) संस्था के सहयोग से किया ।
एडी हेल्थ ने कहा कि एमडीए अभियान की सफलता के लिए लोगों का रोग की गम्भीरता व दवा खाने से होने वाले फायदे के प्रति जागरूक होना जरूरी है। लोगों तक यह संदेश पहुंचना चाहिए कि बीमारी से बचाव के लिए पांच साल में सिर्फ पांच बार दवा का सेवन करना है । जो लोग स्वस्थ हैं उन्हें इस दवा का सेवन अवश्य करना है । केवल अति गंभीर बीमार लोग इस दवा का सेवन नहीं करेंगे । बीपी, शुगर, थायरायड के मरीज अति गंभीर की श्रेणी में नहीं आते हैं । एडी हेल्थ ने उपस्थित लोगों को फाइलेरिया उन्मूलन में योगदान और दवा सेवन के लिए शपथ भी दिलाई ।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि फाइलेरिया रोग के समूल उन्मूलन के लिए सभी लाभार्थियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाए। दवा का सेवन दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को करना है । एक से दो वर्ष तक के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी । गर्भवती, अति गंभीर बीमार और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को फाइलेरिया रोधी दवा नहीं दी जाएगी ।
आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सभी चिकित्सकों का दायित्व है कि वह इलाज के साथ लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए भी जागरूक करें। संगठन पहले की तरह एमडीए अभियान में पूरा सहयोग प्रदान करेगा। इस मौके पर धर्मगुरू पंडित सरोज मिश्रा ने कहा कि स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि बीमारियों से बचाव किया जाए। पोलियो और कोरोना की तरह देश से फाइलेरिया को समाप्त करने के लिए सभी लोग दवा जरूर खाएं। एमएलसी प्रतिनिधि जगदीश प्रसाद शुक्ला ने कहा कि एमडीए को जनांदोलन का रूप दिया जाएगा ताकि जनपद को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके ।
पाथ संस्था की प्रतिनिधि डॉ सुचेता शर्मा ने अभियान में मीडिया की भूमिका संबंधी प्रस्तुति दी । उन्होंने बताया कि इस रोग से कोई मरता तो नहीं है, लेकिन यह जीवन को बोझ बना देता है ।