अयोध्या l
भव्यता, श्रद्धा और आयोजन की दृष्टि से ऐतिहासिक रहा दीपोत्सव 2025 न केवल भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊँचाइयाँ देने वाला सिद्ध हुआ, बल्कि इस उत्सव के बाद नगर निगम द्वारा की गई तेज़ और प्रभावी स्वच्छता मुहिम ने भी पूरे देश में मिसाल कायम कर दी। दीपोत्सव के समापन के बाद जहाँ राम की पैड़ी, घाटों और सड़कों पर लाखों दीपों की लौ ने आस्था का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया, वहीं अगले ही दिन नगर निगम की टीमें सक्रिय होकर उस दिव्यता को और निखारने में जुट गईं। महापौर गिरीश पति त्रिपाठी जी और नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार जी के नेतृत्व में निगम कर्मियों ने दिन-रात अथक परिश्रम करते हुए कुछ ही घंटों में पूरी अयोध्या को पुनः स्वच्छ और सुंदर बना दिया। सफाई कर्मियों की तैनाती, आधुनिक मशीनों के उपयोग और सटीक रणनीति के कारण दीपोत्सव के बाद भी शहर की चमक बरकरार रही। नगर आयुक्त ने बताया कि निगम ने पहले से ही विस्तृत कार्ययोजना तैयार की थी, जिसके अंतर्गत घाटों, प्रमुख सड़कों, मंदिर प्रांगणों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई के लिए विशेष टीमें गठित की गई थीं। महापौर त्रिपाठी जी ने इस अवसर पर कहा कि “दीपोत्सव की भव्यता तभी सार्थक होती है जब हमारी नगरी उतनी ही स्वच्छ और अनुशासित भी रहे।” उन्होंने निगम कर्मचारियों, स्वयंसेवकों और सहयोगी संस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि अयोध्या का यह प्रयास कर्तव्य और श्रद्धा का अद्भुत संगम है। इस अभियान में कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने भी सहयोग दिया, जिससे यह पहल एक सामूहिक जनआंदोलन का रूप ले सकी। वहीं, अलाइन मीडिया ने अपने विशेष कवरेज में अयोध्या नगर निगम की इस उपलब्धि को देश के अन्य शहरों के लिए प्रेरणादायक बताया और कहा कि “अयोध्या का यह प्रयास भारत में नागरिक प्रबंधन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का नया मानक स्थापित करता है।” दीपोत्सव की सफलता के बाद सफाई अभियान की इस कामयाबी ने यह साबित कर दिया कि अयोध्या केवल आस्था और आध्यात्मिकता की नगरी नहीं, बल्कि सजग नागरिकता, अनुशासन और पर्यावरणीय जागरूकता का प्रतीक भी बन चुकी है। रामनगरी की इस पहल ने पूरे देश को यह सिखाया कि भक्ति तभी पूर्ण होती है जब उसमें जिम्मेदारी की भावना जुड़ी हो — और यही भावना आज अयोध्या को एक आदर्श नगरी के रूप में विश्व पटल पर प्रतिष्ठित कर रही है।