बस्ती । समाजवादी चिन्तक अपनों में छोटे लोहिया के रूप में लोकप्रिय पूर्व केन्द्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र को उनके 90 वें जन्म दिन पर याद किया गया। शनिवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय में बस्ती सदर विधायक एवं निवर्तमान जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव के संयोजन में आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने उन्हें याद किया। महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि वे आखिरी सांस तक समाजवादी थे और उन्हें समाजवाद की चलती फिरती पाठशाला कहा जाता था। राजनीति में उन्होने सदैव सादगी बनाये रखी और कार्यकर्ताओं को सर्वोच्च सम्मान दिया। युवा पीढी को उनके जीवन संघर्ष और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरणा लेनी चाहिये। कहा कि आज जब देश में साम्प्रदायिक धु्रवीकरण हो रहा है ऐसे में हमें अपने गंगा जमुनी तहजीब को बचाये रखना होगा, यही जनेश्वर मिश्र जैसे महान नेता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
रूधौली विधायक राजेन्द्र चौधरी, कप्तानगंज के विधायक कविन्द्र चौधरी अतुल ने जनेश्वर मिश्र को नमन् करते हुये कहा कि जनेश्वर मिश्र के प्रभाव से बडी संख्या में युंवा जुड़े और समाजवादी विचारधारा को देश भर में स्वीकारोक्ति मिली। पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय ने स्मृतियांे को साझा करते हुये े कहा कि बस्ती से जनेश्वर मिश्र का विशेष लगाव था, वे जब आते तो सबसे मिलने की कोशिश करते। कहा कि कार्यकर्ताओं के लिये उनके मन में विशेष सम्मान था । सादगी उनके राजनीति की विशेषता थी। उन्होने कभी दिखावें की राजनीति नहीं की और गांव, गरीब, आम आदमी की पीड़ा में सड़क से संसद तक स्वर देते रहे। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
सपा नेता मो0 स्वालेह, समीर चौधरी, कप्तानगंज विधानसभाध्यक्ष रन बहादुर, बस्ती सदर के मो. सलीम, मो0 उमर और जावेद पिण्डारी, सुरेन्द्र सिंह छोटे, चन्द्रिका यादव, अरविन्द सोनकर, इन्द्रावती शुक्ला, गीता भारती, मुलायम यादव, मंशाराम कन्नौजिया, गगन पाण्डेय आदि ने कहा कि सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला। इनके नाम पर लखनऊ में एशिया का सबसे बड़ा सुन्दर पार्क सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के प्रेरणा से उत्तर प्रदेश के पूर्व युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा निर्माण कराया गया । ऐसे महापुरूष को सदैव स्मरण किये जाने की जरूरत है।
इसी कड़ी में सपा की मासिक बैठक हुई जिसमें बूथ कमेटियों के विस्तार, संगठन की मजबूती और जनहित के सवालों को लेकर संघर्ष पर जोर दिया गया। बैठक में बसपा छोड़ तारणनाथ तारूष समर्थको के साथ सपा में शामिल हुये।
जयन्ती पर जनेश्वर मिश्र को नमन् करने वालों में मुख्य रूप से निर्मल सिंह, रिन्टू यादव, प्रवीण पाठक, गुलाम गौस, प्रमोद यादव, फौजदार यादव, राघवेन्द्र सिंह, राजेन्द्र यादव, निजामुद्दीन, गौरीशंकर यादव, घनश्याम यादव, मो. अहमद सज्जू, रवि गुप्ता, राम सुरेश यादव, आर.डी. गोस्वामी, हनुमान प्रसाद गौड़, संजय गौतम, इरशाद अहमद, धीरसेन निषाद, राम सिंह यादव, रजवन्त यादव के साथ ही सपा के अनेक पदाधिकारी शामिल रहे।