अनुराग लक्ष्य, 2 अगस्त।
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,
मुंबई संवाददाता।
आई आई टी बॉम्बे ने परिसर में एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए संस्थान द्वारा छात्रों से जाति धर्म या सामाजिक आर्थिक स्थिति जैसे वातावरड की परवाह किए बगैर आपस में परिचय करने और दोस्ती करने की घोषणा की।
आई आई टी बॉम्बे भेदभाव की समस्सेया को जड़ से खत्म करने के लिए यह कदम उठाया। प्रबंधन की तरफ से जारी नई गाइड लाइन में कहा गया है कि अभ्यर्थियों से उनकी परीक्षा में नंबर के बारे में कुछ नहीं पूछा जायेगा।
रिपोर्ट के अनुसार आई आई टी बॉम्बे ने कहा कि इंजीनियरिंग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाला ज्वाइंट इंट्रेंस इगजाम जेईई और ग्रेजुएट एटीट्यूड एग्जाम टेस्ट इन इंजियरिंग में किसे कितने नंबर मिले हैं, इस बारे में भी सवाल करने पर रोक रहेगी।
इसी के साथ भारतीय प्रौदोगिकी संस्थान बॉम्बे / आई आई टी, बी / ने परिसर में कथित जाति, पाति आधारित भेदभाव पर भी अंकुश लगाई। संस्थान ने अपने दिशानिर्देशों में छात्रों को कट्टर, लिंगवादी, जातिवादी या अपमानजनक चुटकुलों से भी बचने की हिदायत दी।
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी, मुंबई संवाददाता।