वेद प्रचार सप्ताह के अंतर्गत राजकीय संप्रेक्षण गृह के किशोरों को दी सृजनात्मक शक्ति की प्रेरणा

बस्ती (दैनिक अनुराग लक्ष्य ) आर्य समाज नई बाजार बस्ती द्वारा आयोजित श्रावणी उपाकर्म एवं वेद प्रचार सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती के नेतृत्व में राजकीय संप्रेक्षण गृह बस्ती में किशोरों के सृजनात्मक शक्ति के विकास के लिए प्रेरक उद्बोधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने बताया कि हमारी आत्मा सत्य और असत्य, अच्छे और बुरे का ज्ञान कराने वाला है। जिस कार्य को करने में हमें भय, लज्जा और शंका उत्पन्न हो उसे नहीं करना चाहिए। और जिस कार्य को करने निर्भयता, उत्साह और सुयश मिलता हो उसे करना चाहिए। आचार्य विश्वव्रत ने गायत्री मंत्र की व्याख्या करते हुए बताया कि इसमें ईश्वर से उस बुद्धि की याचना की गई है जिसे हम सृजन के कार्यों में लगा सके। युवा वह होता है जो वायु की गति और सकारात्मक ऊर्जा की शक्ति से अपने काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार रूपी शत्रुओं का पराभव करता है। योगाचार्य गरुण ध्वज पाण्डेय ने किशोरों को स्वाध्याय की प्रेरणा देते हुए महापुरुषों की जीवनी और ऋषियों के ग्रंथों को पढ़ने का सुझाव दिया। ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि आर्य समाज ने हमेशा राष्ट्र को सर्वस्व समर्पण करने वाले युवाओं को तैयार किया है जिससे समाज के हर क्षेत्र में देश सेवा हेतु आदर्श नागरिक तैयार हुए हैं। इसी क्रम में यह वेद प्रचार सप्ताह मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि आर्य समाज नई बाजार बस्ती में प्रत्येक रविवार को साप्ताहिक यज्ञ और स्वाध्याय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम के अंत में अविनाश पटेल अधीक्षक राजकीय संप्रेक्षण गृह मंडल बस्ती ने कहा कि किशोर भटकाव या उन्माद की स्थिति में अपराध करते हैं पर उन्हें योग, उपदेश और अन्य सकारत्मक क्रिया कलापों सुधार कर समाज को एक सुयोग्य नागरिक सौंपे जाने का लक्ष्य लेकर कार्य किया जाता है। ऐसे कार्यक्रमों से सुधार के अवसर मिलते हैं जिससे किशोरों को सुधारने में मदद मिल सकती है।