वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ लक्ष्य की ओर उत्तर प्रदेश की नई पहल: ‘पर ब्लॉक वन क्रॉप’ कार्यक्रम से बागवानी क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा

लखनऊ)उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक पहुँचाने की दिशा में एक ठोस कदम उठाते हुए ‘पर ब्लॉक वन क्रॉप’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल बागवानी फसलों को क्षेत्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करना है, बल्कि उनके उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग और निर्यात को भी सशक्त बनाना है।प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि बीते 6-7 वर्षों में उत्तर प्रदेश में फलों और सब्जियों के अंतर्गत क्षेत्रफल में तीन लाख हेक्टेयर से अधिक की वृद्धि हुई है, वहीं उत्पादन में भी 211 लाख मीट्रिक टन से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह साफ संकेत है कि प्रदेश में विशिष्ट और उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर किसानों का रुझान तेजी से बढ़ा है।मंत्री ने बताया कि ‘पर ब्लॉक वन क्रॉप’ कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विकास खंड में एग्रो क्लाइमेटिक जोन के अनुसार एक विशिष्ट औद्यानिक फसल का चयन किया गया है, जो प्रसंस्करण एवं निर्यात की दृष्टि से उपयुक्त है। चयनित फसल के इर्द-गिर्द ही उत्पादन बढ़ाने के साथ किसानों को फसल आधारित सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य की कृषि निर्यात क्षमता को भी नया बल मिलेगा।कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु 4 अगस्त से 8 अगस्त 2025 तक ‘पर ब्लॉक वन क्रॉप सप्ताह’ का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान राज्य के विभिन्न जनपदों और विकास खंडों में गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, जिनकी अध्यक्षता मंडलीय उप निदेशक उद्यान द्वारा की जाएगी। कार्यक्रम के अनुश्रवण एवं समन्वय के लिए राज्य स्तरीय कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित की गई है जो मंडलीय व जनपदीय अधिकारियों के साथ तालमेल बनाए रखेगी।गोष्ठियों में किसानों, निर्यातकों, कृषक उत्पादक संगठनों, कृषि विभाग, मंडी परिषद, विपणन, विदेश व्यापार और निर्यात प्रोत्साहन से जुड़े विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इन आयोजनों के माध्यम से किसानों को चयनित फसलों से जुड़ी तकनीकी जानकारी, गुणवत्ता मानक, प्रसंस्करण विधियों, पैकेजिंग और वैश्विक बाजारों में निर्यात की संभावनाओं से परिचित कराया जाएगा।मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सभी जनपदीय उद्यान अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में चयनित फसलों के आधार पर गोष्ठियों का प्रभावी आयोजन करें और कार्यक्रम की प्रगति की सूचना समयबद्ध रूप से निदेशालय को भेजना सुनिश्चित करें।